बीकानेरNidarindia.com नाग पंचमी एक प्रमुख त्योहार है। सावन माह की शुक्ल पक्ष में पंचमी को यह पर्व मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी पर विशेष योग बन रहे हैं।
भागवताचार्य पंडि़त दुर्गादत्त व्यास के अनुसार इस बार यह पर्व खास है। इसकी वजह यह है कि पहला तो सावन माह, फिर सोमवार और उसी दिन नाग पंचमी का होना पूजा-अनुष्ठान के लिए खास योग बना रहा है। पंडि़त व्यास के अनुसार इस दिन कालसर्प पूजन-अनुष्ठान करने से सुख-समृद्धि मिलती है। साथ ही कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं जन्मकुन्डली के सर्प दोष का निवारण होता है। शिव मंदिरों में भगवान शंकर के धारण किए सर्प का दूध से अभिषेक करने के बाद चंदन, इत्र लगाकर पूजन किया जाएगा।
घरों में बने पकवान…
वहीं नागपंचमी के दिन परम्परा के अनुसार महिलाएं घरों में नाग (सर्प) के चित्र उकेर कर उसका पूजन करेगी। साथ ही बासी (ठंड़ा) भोजन करेगी। रविवार को महिलाओं ने कई तरह के पकवान बनाए हैं, जिसका सेवन सोमवार को सुबह पूजन के बाद करेगी। साथ ही बहिन-बेटियों के यहां पकवान भेजने की परमपरा का निर्वाह भी किया जाएगा।