

बीकानेरNidarindia.com ‘सियाळो खाटू भलो…सावन बीकानेर’ यह कहावत इस बार बीकानेर साकार हो सकती है। इन दिनों हो रही लगातार बारिश के बाद शहर के ऐतिहासिक तालाबों में बारिश का पानी संग्रहित हो रहा है। लंबे अर्से के बाद संसोलाव और हर्षोल्लाव सरीखे तलाबों में बारिश का पानी आया है। ऐसे में अब बीकानेर में सावन माह में गोठों का दौर शुरू हो सकता है, वहीं तालाबों में और पानी आया तो गंठों का लुत्फ भी शौकिन उठा सकेंगे।

इन तालाबों लौटेगी रौनक…
बरसात के दौर में अब हर्षोलाब, संसोलाब, महानंद और धरणीधर तालाब, फूलनाथ बगीची सहित शहर के तालाबों में बरसाती पानी का संरक्षण हुआ है। ऐसे में यहां पर रौनक हो सकती है।
आएगा निखार…
संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने कहा कि आगामी दिनों में बीकानेर के इन परम्परागत जल स्त्रोतों के संरक्षण की दिशा में और अधिक कार्य किए जाएंगे। इन तालाबों को अधिक उपयोगी बनाया जाएगा। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत विभिन्न तालाबों के रख रखाव का कार्य हाथ में लिया जाएगा, जिससे इनका रूप और निखरेगा। उन्होंने बताया कि इन तालाबों में पानी आने से यह तालाब पर्यटन के केन्द्र बनेंगे। शनिवार शाम तक हुई बरसात से हर्षोलाब तालाब के किनारे पर लगभग 15 फीट और संसोलाब तालाब के बीच में लगभग 20 एवं किनारे लगभग 10 फीट पानी संग्रहित हुआ है।
गौरतलब है कि संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन की पहल पर इन तालाबों और इनके आगोर क्षेत्रों में जिला प्रशासन की ओर से श्रमदान और सफाई का सघन और सतत अभियान चलाया गया था। इस दौरान पानी की आवक के मार्ग की साफ सुथरा किया गया। इन अभियानों में संभागीय आयुक्त के अलावा जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने श्रमदान किया। नगर निगम और यूआईटी के विभिन्न संसाधनों से भी इन तालाबों और आसपास के क्षेत्रों की सफाई की गई। वहीं स्थानीय संस्थाओं, ट्रस्टों और पर्यावरण प्रेमियों का भी प्रभावी सहयोग रहा।
