

जयपुर.बीकानेरNidarIndia.com द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का आज देवलोकगमन हो गया। वे 99 साल के थे। स्वरूपानंद सरस्वती के देहवासन पर धर्मप्रेमी आस्थावान लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है।
बीकानेर सहित शहरों में सनातनी धर्म प्रेमियों ने संवेदनाएं जताई है। बीकानेर में शाकद्विपीय मग ब्राह्मण समाज ने शोक प्रकट किया है।
संस्था के डॉ.डी.पी.शर्मा, समाज सेवी कामिनी भोजक, मनोनीत पार्षद नितिन वत्सस, समाजसेवी आरके शर्मा के साथ ही कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया, शाकद्वीपीय ब्राह्मण बंधु चेरिटबल ट्रस्ट, भाई बंधु चेरिटेबल ट्रस्ट, आध्यात्मिक उपासना मंदिर संस्थान, वीरेंद्र फाउंडेशन, गौ प्रेमी महेन्द्र जोशी सहित समस्त धर्म प्रेमी समाज के गणमान्य लोगों ने संवेदना व्यक्त की है।
यहां ली अंतिम सांस..
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नरसिंहपुर जिले स्थित झोतेश्वर धाम में आखिरी सांस ली। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सितम्बर 1924 को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। गौरतलब है कि शंकराचार्य हिंदू धर्म के चार पीठों के सबसे बड़े महंत होते हैं, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य थे।
