-आस्था के सैलाब से अट गया राजमार्ग, लोक देवता बाबा रामदेवजी के दरबार में धोक लगाने पैदल निकल पड़े श्रद्धालु, सेवादार भी नहीं है पीछे, सैकड़ों शिविर…
रमेश बिस्सा
बीकानेरNidarIndia.com ‘भक्त खड़ा थांरे द्वार, लिया छोटी सी अरदास, म्हाने दर्शन देवो, जगह-जगह पर भटक्या बाबा, कोई सुणी नहीं म्हारी सब देवों ने छोड़ रामसा चौखट पकड़ी थांरी, मारगड़ो साच्चो दिखला दें, थासूं म्हारी आस…ख्यातिनाम गायक रफीक सागर रचित इस भजन की पंक्तियां इन दिनों जैसलमेर रोड (राजमार्ग) पर साकार हो रही है।
मौका है लोक देवता बाबा रामदेवजी के मेले का। दो साल के कोरोना काल के बाद इस बार एक बार फिर से आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। हाथों में बाबा रामदेवजी की ध्वजाएं थामे, झूमते-गाते दर्शनार्थियों के जत्थों से ना केवल राजमार्ग बल्कि नाल, गजनेर, कोलायत सहित आसपास के गांवों के पग दंडी वाले मार्गों में भी बाबा के जयकारों की गूंज साफ सुनाई दे रही है।
जय बाबा री…जय बाबा री…
रविवार शाम को बीकानेर से रवाना होकर नाल गांव से जब गजनेर की तरफ कच्चे रास्ते से प्रवेश किया, तो मानो पूरी सड़क ही आस्थावान पद यात्रियों के जत्थों से अटी थी। हर तरफ ‘जय बाबा री, जय बाबा री! की करतल ध्वनि ही कानों में सुनाई पड़ रही थी, जयकारों के बीच-बीच में ही जो श्रद्धालु पैदल जा रहे थे, उनके हाथों में लंबी ध्वजाएं थी, तो मन में बाबा दरबार में जाने का उत्साह, उमंग और जोश के साथ आगे बढ़ते पद यात्रियों को उस समय ओर बल मिलता, जब उन्हें पग-पग पर कभी शीतल जल, तो कभी चाय-काफी, नाश्ता और शाम गहराते-गहराते भोजन करने की मान-मनुव्वार करते सेवादर मिल जाते।
सेवा का यह सिलसिला बीकानेर से लेकर दूर तक चल रहा है। गजनेर से जब रात करीब नौ बजे दियातरा में पहुंचे, तो सेवादारों का जज्बा देखते ही बन रहा था। जहां तक नजरें जाती, वहां तक पैदल दल जोश के साथ चल रहे थे, तो सड़क के एक किनारे पर सेवा शिविरों में भोजन, चिकित्सा और चाय की सुविधाएं मुहैया कराई जार रही है। यह क्रम बीते तीन दिन से चल रहा है।
श्री रामदेव मित्र मंडल कोलकाता का पड़ाव…
दियातरा में मुख्य राज मार्ग के समीप ही श्री रामदेव मित्र मंडल कोलकाता का सेवा शिविर लगा था। पंडाल में पहुंचे तो पूरी आस्था के साथ बाबा रामदेवजी की महा आरती चल रही थी। इसकी पूर्णाहुति के साथ ही पंड़ाल में कार्यकर्ता हरकत में आए गए। दूसरी तरफ माइक पर एक सेवादार आने-जाने वाले पदयात्रियों से बड़े ही आदर भाव से भोजन करने का आग्रह कर रहे थे।
वहीं भजनों की स्वर लहरियों के बीच कई महिला-पुरुष श्रद्धालु अपने को थिरकने से रोक ही नहीं पा रहे थे, बाबा रामदेवजी के प्रति अटूट आस्था के चलते किसी तरह की थकावट भक्ति के उनके जज्बे को कम नहीं कर पा रही थी। पंडाल में भोजन कराने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सक्रिय रूप से जुटे थे, तो एक तरफ चिकित्सा सेवा चल रही थी, जहां पर आने वाले यात्री को राहत देने के लिए तेल मालिश, दर्द निवारक दवाएं, पैरों के छालों पर मरहम-पट्टी करने के लिए मंडल सदस्य पूरी निष्ठा के साथ सेवा दे रहे थे।
शिवराज व्यास के अनुसार श्री रामदेव मित्र मंडल कलकत्ता के सेवा शिविर में मुख्य रूप से पूनमचंद रंगा,अनिल चितलांगिया, अशोक पुरोहित, मनोज रंगा, उमेश व्यास, सूर्य प्रकाश हर्ष,बलदेव व्यास, भंवर लाल हर्ष, जय प्रकाश हर्ष, विनय पुरोहित, बद्री व्यास, श्रीलाल रंगा, जुगल जोशी, सुरेन्द्र व्यास, बंशी लाल जोशी, अनिल कुमार व्यास, श्रीनारायण रंगा, श्रीलाल पुरोहित, केशव, मुन्ना, लालू आचार्य, गणेश आचार्य, सुभाष जोशी, चिकितसा में राजेश व्यास सहित कार्यकर्ता भागीदारी निभा रहे हैं।
कई स्थानों पर शिविर….
यह एक शिविर की व्यवस्थाएं उदाहरण था, लेकिन राज मार्ग और कच्चे रास्ते में जहां से पद यात्री गुजर रहे हैं, सेवा शिविर में शामिल सेवादार उनकी खातिरदारी के साथ ही सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। रामदेवरा में मुख्य 5 सितंबर दशमी को भरना है, इसमें लाखों श्रद्धालु बाबा के दरबार में धोक लगाएंगे।
भागवताचार्य पंडि़त दुर्गादत्त व्यास के सान्निध्य में कई आस्थावान श्रद्धालुओं ने सेवा शिविरों में पहुंचकर पद यात्रियों की सेवा की। रविवार शाम को यह सेवादार बीकानेर से नाल, दरबारी, गजनेर, कोलायत, सांखला फांटा होते हुए दियातरा तक पहुंचे। इसमें पंडि़त देवकिशन, भंवरलाल व्यास, गिरीराज जोशी, घनश्याम आचार्य, रामकुमार व्यास(जय मां), आनंद ओझा(लाला महाराज) सहित श्रद्धालु शामिल थे।
देखने वालों की भीड़…
मेले में हर किसी अपनी-अपनी आस्था है। लोग एक तरफ जहां सैकड़ों पद यात्री दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ बीकानेर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग मोटरसाइकिलों, गाडिय़ों, ऑटो, पिकअप सहित गाडिय़ों में सवार होकर दूर तक पैदल यात्रियों का मेले का लुत्फ उठाने के लिए पहुंच रहे हैं। मुख्य मार्ग पर वाहनों की रेलमपेल है।