बीकानेरNidarindia.com वेटरनरी कॉलेज बीकानेर के एपेक्स सेंटर की ओर से न्युक्लिक एसिड एवं प्रोटीन आधारित तकनीकों से रोग के कारणों का पता लगाने के विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
शनिवार को समापन सत्र में अधिष्ठाता एवं संकायाध्यक्ष प्रो. आर.के. सिंह ने कहा कि वर्तमान में रोगों का तीव्र गति से पता लगाना आवश्यक हो गया है जो कि प्रशिक्षण के दौरान सिखाई गई तकनीकों से संभव है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पशु जनित मानव रोग तेजी से फैल रहे हैं जैसे कि कोरोना वायरस, निपाह वायरस, टीबी इत्यादि। इन बीमारियों का शीघ्र पता लगाया जा सके तो समय पर उचित इलाज उपलब्ध हो सकता है जिससे इन रोगों की रोकथाम समय पर की जा सकती है। विशिष्ट अतिथि, निदेशक अनुसंधान प्रो. हेमन्त दाधीच ने कहा कि उचित समय पर संक्रामक रोगों की पहचान हो जाने से पशुपालकों को होने वाले आर्थिक हानि से बचाया जा सकता है। आमंत्रित विशिष्ट अतिथि प्रो. आर.के. तंवर ने फील्ड कंडीशन में रोग निदान के महत्व को समझाया।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास निदेशक प्रो. बी.एन. श्रृंगी ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि इस रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण का लाभ उठाते हुए प्रशिक्षणार्थियों को अपने स्वरोजगार के लिए रोग निदान प्रयोगशाला की स्थापना कर सकते है। एपेक्स सेंटर के प्रभारी अधिकारी डॉ. जे.पी.कछावा ने कहा कि यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण मानव संसाधन विकास निदेशालय एवं माइक्रोबायोलॉजी एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सहभागिता एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से वित्त पोषित कार्यक्रम है। इस प्रशिक्षण में विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय के 25 अनुसूचित जाति के छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न रोगों की पहचान की अत्याधुनिक तकनीकों की जानकारी विषय विशेषज्ञों ने दी। प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण मैनुअल एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम मेंं डॉ. अमित कुमार पाण्डे, डॉ. कृतिका गहलोत, डॉ. लोकेश्वर सिंह एवं तकनीकी सहायक कर्मचारियों ने भागीदारी निभाई।