- झांकियों में दिखी संस्कृति की झलक, चंद्रयान, कैदारनाथ मंदिर की झांकी
- हर्षोल्लास से मनाया पर्व, ठाकुरजी का किया पंचामृत से स् नान
- आज नंदोत्सव की रहेगी धूम
बीकानेरNidarindia.com घड़ी की सुइयां गुरुवार रात को जब 12 बजे बाज रही थी, तो पूरा शहर मानों ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल...के जयकारों से गूंज उठा। अवसर था कान्हा के जन्म का। जशोदा का लल्ला के स्वागत में शहरभर ने अपनी पलके बिछाई। पंचामृत से स्नान करया। नए वस्त्र पहनाकर शृंगार किया। छप्पन भोग थाली में परोसने के बाद महाआरती उतारी। थालियां बजाकर कान्हा के जन्म की खुशियां बांटी। प्रतीकात्मक रूप से मामा कंस का वध किया। बच्चों ने अपने घरों में ही मटकियों पर कंस की आकृति बनाकर रात १२ बजे कृष्ण जन्म के बाद घर के बाहर ले जाकर फोड़ा।

मंदिरों में रही धूम
कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिरों धूम रही। मरुनायक मंदिर ट्रस्ट के घनश्याम लखानी ने बताया कि ठाकुरजी का पंचामृत स् नान कराने के बाद स्वर्ण आभूषणों से शृंगार किया। महाआरती में बड़ी संख्या में श्रद्घालु शामिल हुए। भव्य कंस का प्रतिकात्मक रूप से वध किया गया। इस मौके पर मंदिर को रंगीन रोशनियों से सजाया गया। दम्माणी चौक में गोपालजी मंदिर, रघुनासर कुआं स्थित रघुनाथजी मंदिर, तेलीवाड़ा क्षेत्र के रघुनाथ मंदिर सहित मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम रही। वहीं पुष्टिमार्गी वैष्णव मंदिरों में भी कष्ण जन्माष्टमी मनाई गई।
झांकियां देखने उमड़ा सैलाब
कृष्ण जन्माष्टमी पर कई स्थानों झांकियां सजाई गई। झांकियां देखने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। बच्चों, महिलाओं पुरुषों में झांकियों के प्रति उत्साह देखने को मिला। इस बार झांकियों में चंद्रयान की थीम चर्चित रही। वही रघुनाथसर कुआं स्थित रघुनाथजी मंदिर में इस बार बीकाणा की संस्कृति साकार हो रही थी। जहां पर बीकानेर की रम्मतों से लेकर ऊंट उत्सव तक की झलक साफ दिखी। वहीं रांगड़ी चौक में इस बार विशेष आकर्षण रहा। जहां पर चंद्रयान, २५ फीट कैदारनाथ मंदिर, कंस सहित कई झांकियां मनमोहक रही।


