बीकानेरNidarindia.com लोक कला और संस्कृति संरक्षित रहे इसके लिए सोमवार को लोक नाट्य विधा रम्मतों के लिए अनुदान राशि प्रदान की गई। नगर विकास न्यास की ओर से पहली बार रम्मत अनुदान वितरण कार्यक्रम रखा गया। बजरंग भवन में हुए इस आयोजन में शिक्षा, कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने सभी रम्मतों के उस्तादों को 50-50 हजार रुपए की अनुदान राशि के चेक सौंपे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोक कला, संस्कृति और कलाकारों के संरक्षण के लिए नगर विकास न्यास की यह पहल सराहनीय है। न्यास समय-समय पर ऐसे कार्य करे, जिससे बीकानेर कि ‘आलिजा संस्कृति’ को विशेष पहचान मिले। उन्होंने कहा कि बीकानेर की लोक नाट्य परंपरा रम्मत देश भर में विशेष पहचान रखती है। होलाष्टक के दौरान शहरी परकोटे में परंपरागत रूप से इनका मंचन किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा नई पीढ़ी तक पहुंचे, इसके मद्देनजर इसे प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है।
संस्था के रूप में हो पंजीकृत…
कला एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्र में सदियों से इन रम्मतों का मंचन होता है, लेकिन अब तक संस्था के रूप में इनका पंजीयन नहीं हुआ है। रम्मत के कलाकार अपनी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन करवाएं और बैंक खाते खुलवाएं। कला एवं संस्कृति विभाग से इन रम्मतों को नियमित अनुदान के प्रयास किए जाएंगे, जिससे नए कलाकारों को प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने शहरी परकोटे में की विभिन्न परंपराओं के बारे में बताया।
पाटों का होगा जीर्णोद्धार
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. कल्ला ने कहा कि बीकानेर के पाटे देशभर में अपनी विशेष पहचान रखते हैं। यहां की ‘पाटा संस्कृति’ को देखने कई लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ पाटे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नगर विकास न्यास की ओर से इन सभी पाटों का जीर्णोद्धार और रखरखाव का कार्य करवाया जाएगा। उन्होंने यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर करवाने के निर्देश दिए।
इन रम्मतों मिली अनुदान राशि…
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. कल्ला ने आचार्यों के चौक में खेली जाने वाली वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़ रम्मत, बारह गुवाड़ की हड़ाऊ मेहरी रम्मत, बिस्सा चौक की भक्त पूरणमल की रम्मत, बारह गुवाड़ की स्वांग मेरी और शहजादी नौटंकी, किकानी व्यासों के चौक की स्वांग मेहरी, मरूनायक चौक की हडाऊ मेहरी रम्मत और लक्ष्मीनाथ घाटी में मशालची नाई ट्रस्ट की अमर सिंह राठौड़ रम्मत के उस्तादों को चेक प्रदान किए गए।
नगर विकास न्यास सचिव यशपाल आहूजा ने कहा कि न्यास की ओर बीकानेर की लोक कलाओं और यहां की संस्कृति को संरक्षित के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। अध्यक्षता पंडित जुगल किशोर ओझा ‘पुजारी बाबा’ ने की। उन्होंने रम्मतों के ऐतिहासिक परिपेक्ष्य के बारे में बताया। रम्मत कलाकार किशन कुमार बिस्सा ने कहा कि रम्मतें, मनोरंजन के साथ ज्ञान का भंडार होती हैं।
इस दौरान मदन जैरी, नगर विकास न्यास तहसीलदार कालूराम परिहार, पार्षद दुर्गादास छंगाणी और सहायक निदेशक (जनसंपर्क) हरि शंकर आचार्य बतौर अतिथि मौजूद रहे।
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के अतिरिक्त कुलसचिव डॉ.बिठ्ठल बिस्सा ने आभार जताया।