बीकानेरNidarIndia.com काश्तकार उच्च गुणवत्ता की कीटनाशक का उपयोग कर फसलों में फायदा लें सके, इसी उद्देश्य से स्वामी केश्वानंद कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान केन्द्र की ओर से कीटनाशक विक्रेताओं को 12 सप्ताह का पाठ्यक्रम प्रशिक्षण दिया गया था।






इस कार्यक्रम का बुधवार को समापन हुआ, इसमें 38 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस दौरान आयोजित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम परीक्षा में सभी ने प्रथम श्रेणी हासिल की, जिन्हें कृषि अनुसंधान केन्द्र परिसर में प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए कृषि अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ.पीएस शेखावत ने कहा कि सभी डीलरों ने काफी उत्साह इस प्रशिक्षण में दिखाया है, 12 सप्ताह के इस कार्यक्रम के दौरान सभी ३८ प्रतिभागी प्रथम श्रेणी रहे हैं, यह खुशी की बात है।


उन्होंने इसके लिए पूरी टीम की सराहना की, शेखावत ने कहा कि किसान सदैव इनके सम्पर्क में सीधे रहते हैं, जबकि वैज्ञानिकों से रोजाना सम्पर्क नहीं हो पाता है। ऐसे में अब यदि इन डीलरों को प्रशिक्षण दिया गया है, तो निश्चित तौर पर यह काश्तकारों के लिए फायदे की बात ही है। इसका सीधा लाभ उन्हें मिलेगा। शेखावत ने कहा कि जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से आए डीलर काश्तकारों को सही, उच्च क्वालिटी की कीटनाशक दवाइयां मुहैया कराएं। इसी उदेश्य से इनको प्रशिक्षण दिया है। इसका परिणाम सर्वोत्तम रहा है।
क्षेत्रीय निदेशक डॉ.एसआर यादव ने बताया कि बीछवाल स्थित इस कषि विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान के विशेषज्ञ वैज्ञानियों ने प्रतिभागियों को कुशल प्रशिक्षण दिया है, इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा।
कार्यक्रम के समन्वयक बागवानी सलाहकार डॉ.इंद्र मोहन वर्मा ने डीलरों के लिए यह डिप्लोमा कोर्स बहुत उपयोगी बताया, उन्होंने कहा कि इसका फायदा किसानों को मिल सकेगा। वर्मा के अनुसार कार्यक्रम को लेकर कृषि अनुसंधान केन्द्र, प्रयोगशाला, काजरी, शुष्क बागवानील अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने भागीदारी निभाई। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान हैदराबाद के तत्वावधान में आयोजित किया गया था, इसमें जिले की अलग-अलग तहसीलों से आए डीलरों ने भाग लिया।
समय-समय पर होंगे कार्यक्रम…
स्वामी केश्वानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ.एसआर यादव ने बताया कि इस तरह के पाठ्क्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम समय समय पर होते रहेंग। ताकि डीलरों के जरिए किसानों को इसका फायदा मिल सके। साथ ही डीलर और किसान दोनों जा सके कि कौनसी कीटनाशनक दवा कारगर होती है, जिससे फसल की पैदावार में इजाफा हो सके, यादव ने कहा कि इस प्रशिक्षण में संस्थान के विशेषज्ञों ने बेहतरीन कार्य किया है।
