रेलवे : आठवें वेतन आयोग को मिली मंजूरी, कर्मचारियों में छाई खुशी - Nidar India

रेलवे : आठवें वेतन आयोग को मिली मंजूरी, कर्मचारियों में छाई खुशी

-मिलेगा केंद्र सरकार के 45 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 68 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को फायदा।

दिल्ली डेस्क।

कर्मचारियों के लिए खुश खबरी! केन्द्र सरकार ने आखिरकार आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। लंबे समय सरकारी कर्मचारी इस वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे थे। सातवां वेतन आयोग वर्ष 2016 में लागू हुआ किया गया था, इस लिहाज से अगले साल 2026 में आठवां वेतन आयोग लागू होगा। आज (16 जनवरी) को केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी   दे दी है। इससे 1 करोड़ से भी ज्यादा सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने वाली है। साथ ही पेंशनधारियों के पेंशन में भी इजाफा होगा। इस आयोग के गठन का निर्णय केंद्रीय कैबिनेट बैठक में लिया गया है।

कर्मचारी नेताओं ने जताई खुशी…

आठवां वेतन आयोग मंजूर होने पर डॉ. एम. राघवैया, महासचिव (एनएफआईआर)/नेता/कर्मचारी पक्ष/एनसी(जेसीएम) और  शिव गोपाल मिश्रा, सचिव/कर्मचारी पक्ष/एनसी(जेसीएम), जीएस (एआईआरएफ) ने  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और आठवें वेतन आयोग को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।

यूं चला वेतन आयोग का चरण…

पहला वेतन आयोग मई 1946 – मई 1947

  • अध्यक्ष: श्रीनिवास वरदाचार्य
  • मुख्य विशेषताएं:

○ भारत की आजादी के बाद वेतन संरचना को तर्कसंगत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

○ “जीविका मजदूरी” की अवधारणा की शुरुआत।

○ न्यूनतम वेतन: ₹55/माह, अधिकतम वेतन: ₹2,000/माह।

○ लाभार्थी: लगभग 1.5 मिलियन कर्मचारी।

 

दूसरा वेतन आयोग अगस्त 1957-अगस्त 1959

  • अध्यक्ष: जगनाथ दास
  • मुख्य विशेषताएं:

○ अर्थव्यवस्था और जीवनयापन की लागत को संतुलित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

○ न्यूनतम वेतन ₹80/माह की सिफारिश की गई।

○ “समाज के समाजवादी पैटर्न” का परिचय दिया।

○ लाभार्थी: लगभग 2.5 मिलियन कर्मचारी।

 

तीसरा वेतन आयोग अप्रैल 1970 – मार्च 1973

  • अध्यक्ष: रघुबीर दयाल ● मुख्य विशेषताएं:

○ अनुशंसित न्यूनतम वेतन ₹185/माह।

○ सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच वेतन समानता पर जोर दिया गया।

○ वेतन संरचना में असमानताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।

○ लाभार्थी: लगभग 3 मिलियन कर्मचारी।

 

चौथा वेतन आयोग सितंबर 1983 – दिसंबर 1986

  • अध्यक्ष: पी.एन. सिंघल
  • मुख्य विशेषताएं:

○ न्यूनतम वेतन ₹750/माह की सिफारिश की गई।

○ सभी रैंकों में वेतन में असमानताओं को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

○ प्रदर्शन से जुड़ी वेतन संरचना पेश की गई।

○ लाभार्थी: 3.5 मिलियन से अधिक कर्मचारी।

 

5वां वेतन आयोग अप्रैल 1994 – जनवरी 1997

  • अध्यक्ष: न्यायमूर्ति एस. रत्नावेल पांडियन
  • मुख्य विशेषताएं:

○ न्यूनतम वेतन ₹2,550/माह की सिफारिश की गई।

○ वेतनमान की संख्या कम करने का सुझाव।

○ सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण पर ध्यान दिया गया।

○ लाभार्थी: लगभग 4 मिलियन कर्मचारी।

छठा वेतन आयोग अक्टूबर 2006 – मार्च 2008

  • अध्यक्ष: न्यायमूर्ति बी.एन. श्री कृष्ण
  • मुख्य विशेषताएं:

○ वेतन बैंड और ग्रेड वेतन की शुरुआत की गई।

○ न्यूनतम वेतन: ₹7,000/माह; अधिकतम वेतन: ₹80,000/माह।

○ प्रदर्शन संबंधी प्रोत्साहनों पर जोर दिया गया।

○ लाभार्थी: लगभग 6 मिलियन कर्मचारी।

7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 – नवंबर 2016

  • अध्यक्ष: न्यायमूर्ति ए.के. माथुर
  • मुख्य विशेषताएं:

○ न्यूनतम वेतन बढ़ाकर ₹18,000/माह किया गया, अधिकतम वेतन ₹2,50,000/माह

○ ग्रेड पे सिस्टम की जगह नए पे मैट्रिक्स की सिफारिश की गई।

○ भत्तों और कार्य-जीवन संतुलन पर ध्यान केंद्रित किया गया।

○ लाभार्थी: 10 मिलियन से अधिक (पेंशनभोगियों सहित)।

16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग की घोषणा की गई।

(आंकड़े जैसा कि उ.प.रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार)

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