बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ द्वारा शिक्षा निदेशालय के सामने मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी एवं काउंसलिंग की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलनारायण आचार्य ने बताया कि आज निदेशक के बीकानेर में नहीं होने पर अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) को ज्ञापन सौंपकर वार्ता की जिसमें संघ के संस्थापक मदन मोहन व्यास ने विस्तृत रूप से अवगत कराया।
आचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री सहित उच्च स्तरों को आज ज्ञापन भेजकर पुरजोर मांग की गई है कि स्कूल शिक्षा विभाग में संस्थापन अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक एवं कनिष्ठ सहायक के पदों की 2023-24 तक की रिव्यु तत्पश्चात् 2024-25 की नियमित डीपीसी जिसमें लोक सेवा आयोग से चयनित 1986 के कार्मिकों, पंचायत राज विभाग से आए कार्मिकों, दिव्यांगजनों के प्रकरणों को निस्तारित करते हुए केडर रिव्यु के आधार पर 01 अप्रेल 2017 एवं 01 अप्रेल 2023 से संशोधित पदों और नवसृजित जिलों के कार्यालयों में मंत्रालयिक संवर्ग के नवसृजित पदों को शामिल करते हुए डीपीसी की जावे ताकि कोई भी योग्य कार्मिक पदौन्नति के लाभ से वंचित नहीं रहे।
तीन सन्तान वाले मामलों के सम्बन्ध में अन्य विभागों की तरह शिक्षा विभाग में प्रभावित कार्मिकों का चयन बन्द लिफाफे,डेफर,न्यायालय निर्णाय के अध्यधीन रहने की शर्त के साथ करते हुए मंत्रालयिक अधिकारियों,कर्मचारियों की डीपीसी कार्य निर्बाध रूप से किया जावे। साथ ही ऑन लाईन काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से शत प्रतिशत पदों को प्रदर्शित कर, पदौन्नत होने वाले अधिकारियों,कर्मचारियों के पदस्थापन की कार्यवाही भी सुनिश्चित करने की मांग की गई।
आज प्रदेश संस्थापक मदन मोहन व्यास, प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज कुमार भटनागर, राम सिंह सिसोदिया, भगवत चरण पुरोहित धरने पर बैठे तथा धरने को समर्थन देने वालों में केसरीचन्द जनागल प्रदेश महामंत्री राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर, जितेन्द्र गहलोत महामंत्री स्वतंत्र महासंघ, मुकुल आचार्य प्रदेश महासचिव राजस्थान कम्प्युटर शिक्षक संघ के अलावा महेश आचार्य, मनीष शर्मा, बंशीलाल जोशी, रविशंकर आचार्य, विष्णुदत पुरोहित, कुलदीप खत्री, रामचन्द्र बाल्मिकी आदि शामिल रहे।