रावण ने कहा- "अरे! वानर तू कौन है? क्या है तेरा नाम? किस नगर से आया है ? अंगद का जबाव : महाराज में दूत राम रघुराई का हूं... - Nidar India

रावण ने कहा- “अरे! वानर तू कौन है? क्या है तेरा नाम? किस नगर से आया है ? अंगद का जबाव : महाराज में दूत राम रघुराई का हूं…

कला को संरक्षित करने का प्रयास बोले-अध्यक्ष गिरीराज जोशी, देखें वीडियो…

 

लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर में साकार हो रही रामलीला की गाथा, देखने के लिए उमड़ा आस्था का सैलाब…

बीकानेरNidarindia.com

“अरे! वानर तू कौन है? क्या है तेरा नाम? किस नगर से आया है? क्या है मुझसे काम, रावण ने अचानक से अंगद के सामने सवालों की झड़ी लगा दी। पलटकर अंगद ने भी जवाब दिया-“सबसे पहले लिजिये नमस्कार दस भाल, दूंगा चार जवाब मैं, जब होंगे चार सवाल। श्री महाराज में दूत राम रघुराई का हूं। अब जान चुके मैं बालक बाली राज का हूं। है पूज्य पिता के मित्र इस कारण मिलने आया हूं। अवसर विशेष योग्य बात कुछ कहने सुनने आया हूं। रावण-अंगद का यह संवाद रविवार रात को लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर के संतोषी माता पार्क में साकार हो उठे। अवसर था, श्री राम कला मंदिर संस्थान की ओर से चल रहे रामलीला मंचन का। रविवार को रावण हनुमान संवाद, विभीषण का रामा दल में जाना और रावण अंगद संवाद को मंच पर कलाकारों ने अपने दमदार अभिनय से साक्षात कर दिया। रामलीला को देखने के लिए सैकड़ों की तादाद में आस्थावान लोग मंदिर में पहुंच रहे हैं।

संस्था के अध्यक्ष गिरीराज जोशी ने बताया कि मंगलवार को रामलीला में रावण वध का दृश्य मंचित होगा और बुधवार को राजा राम का राज तिलक किया जाएगा। संस्थान के सचिव अभिराम दत गौड़ ने बताया रविवार को सरजू दास महाराज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

यह निभा रहे हैं भूमिका…
रामलीला में रवि, गिरीराज जोशी, कैलाश,मक्खन,मदन,जितेश, ललन जोशी, गोपाल, मनोज कुमार, साहिल, मनीष, मयंक, नन्द किशोर, ब्रह्मदेव सहित कलाकार भागीदारी निभा रहे है।

कला को संरक्षित रखने का प्रयास…
श्रीराम कला मंदिर के अध्यक्ष गिरीराज जोशी ने कहा कि आज के इस साइबर युग में रामलीला सरीखी धार्मिक गाथाओं के प्रति लोगों का रुझान बना रहे। निडर इंडिया के साथ बातचीत में जोशी ने बताया कि इस कला को संरक्षित रखने के लिए एक छोटा सा प्रयास संस्थान की ओर किया जा रहा है। इसमें पूरी टीम का सहयोग मिल रहा है। यही वजह है कि बीते २१ साल से संस्था के बैनर तले यह कोशिश चल रही है। इसमें भागीदारी निभाने वाले सभी कलाकार भी अपने तन-मन और धन से सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं, ताकि मंच पर रामलीला को साकार करने की परम्परा कायम रह सके। जोशी ने

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