बीकानेरNidarindia news.com शिक्षा निदेशालय में गुरुवार को चेस इन स्कूल के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ शिक्षा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शतरंज के माध्यम से विद्यार्थियों में एकाग्रता, अनुशासन व रचनात्मकता का विकास करने में मदद मिलेगी।
इसी उददेश्य से प्रदेश की स्कूलों में नियमित गतिविधि के रूप में शतरंज को विद्यालयी खेलों में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 54 हजार विद्यालयों में 35 लाख से अधिक विद्यार्थियों को एक साथ शतरंज खेलने का अवसर दिया गया। इस रिकॉर्ड से विश्व शतरंज फैडरेशन भी प्रभावित हुआ ।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान मोबाइल युग में डिजीटल दुनिया के नकारात्मक प्रभावो को कम करने की दिशा में राज्य सरकार का यह अहम प्रयास है। उन्होंने एफआईडीई के चेस इन एजुकेशन कमीशन के अध्यक्ष जैरी नैश का स्वागत किया और नैश के इस क्षेत्र में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण से शतरंज कोच प्ररेणा लेंगे और विद्यार्थियों को चेस की बारीकियां सीखा सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शतरंज को हर स्तर पर प्रमोट करने के लिए प्रयास करेगी। चेस इन स्कूल कार्यक्रम में नई तकनीक के माध्यम से विद्यार्थियों को शतरंज खेलने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
एफआईडीई के चेस इन एजुकेशन कमीशन के अध्यक्ष जैरी नैश ने कहा कि दुनिया में भारत को शतरंज के जन्मदाता के रूप में जाना जाता है। लेकिन यहां की प्रतिभाओं के कारण शतरंज के भविष्य में भी भारत की अलग पहचान होगी। उन्होंने कहा कि अंतराष्ट्रीय चेस फेडरेशन के प्रतिनिधि के तौर राजस्थान आना उनके लिए सम्मान की बात है। राजस्थान सरकार का यह नवाचार प्रशंसनीय है। विद्यार्थियों में रणनीतिक और रचनात्मक क्षमता के विकास में शतरंज का योगदान उनके जीवन का व्यक्तिगत अनुभव हैं।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश महेश शर्मा ने कहा कि जैरी नैश की ओर से शतरंज की बारीकियां सिखाना प्रदेश के चेस संघों के लिए बड़ी उपलब्धि है। जैरी नैश ने अमेरिका के विद्यालयों में शतरंज का सकारात्मक प्रयोग प्रतिपादित किया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक रचना भाटिया ने कहा कि जैरी नैश के अनुभव से शिक्षक नई बारिकियां सीखेंगे और यहां से शतरंज के श्रेष्ठ खिलाड़ी निकलेंगे और देश दुनिया में प्रदेश का परचम फहराएंगे।
भाटिया ने जैरी नैश की उपलब्धियों पर शिक्षा विभाग की और से अभिनंदन पत्र का वाचन किया। डॉ.कल्ला ने नैश को अभिनंदन पत्र सौंपा। संजय धवन ने आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय चैस प्रतियोगिता के लिए चयनित टीम का भी सम्मान किया गया। एसएल हर्ष ने संचालन किया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुरेन्द्र सिंह भाटी, रमेश हर्ष, अजित कुमार शर्मा, राजकुमार शर्मा सहित अन्य अधिकारी और टीचर्स उपस्थित रहे।
बीकानेरNidarindia.com लुप्त हो रहे पारम्परिक खेलों को संजोए रखने के उद्देश्य से साहित्यकार कृष्णा आचार्य ने अपने शब्दों से संकलन किया है।
कई तरह के खेलों को शब्दों में पिरोकर आचार्य ने पुस्तक का रूप दिया है। गुरुवार को शिक्षा निदेशालय में शिक्षा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला ने खेलों की पाठशाला पुस्तक का विमोचन किया।
आचार्य ने इस पुस्तक के माध्यम से स्कूलों में और प्रचलित हमारे खेल जिन्हें हाल ही में स्कूल शिक्षा से भी जोड़ा गया, इसमें सतोलिया (लगोरी टर्न ऑफ वार) कैरम जैसे कई पुराने खेल जो वर्तमान में लुप्त प्राय: से हो गए है उनको अपने शब्दों में उतारा है। कृष्णा आचार्य ने बताया सरकार ने स्कूली शिक्षा में जड़ों से जुड़े हुए खेलों को जोड़ा हैं, वह सरकार का एक अच्छा कदम है। आचार्य बच्चों के लिए बाल साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है उनकी अनेक पुस्तकें इस संबंध में लिखी गई है लगभग 28 पुस्तकों का उनका स्वयं का संग्रह है।
मुख्यमंत्री की ओर से भी पुरस्कृत किया जा चुका है। लेखिका कृष्णा आचार्य शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल नारायण आचार्य की पत्नी भी है। पुस्तक विमोचन के मौके पर शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला और वर्ल्ड शतरंज फैडरेशन के अध्यक्ष यूएस से आए जेरी नेस ने कृष्णा आचार्य से मुलाकात की, इस दौरान आचार्य ने अपनी पुस्तक उन्हें भेंट की गई।
पुस्तक के विमोचन के अवसर पर ऑल इंडिया चेस फैडरेशन के चेयरमैन अमित वर्मा ,पूर्व न्यायाधीश महेश शर्मा और राजस्थान शतरंज संघ के चेयरमैन शंकर लाल हर्ष सहित संयुक्त निदेशक अरविंद व्यास, निदेशक रचना भाटिया और निदेशालय के खेलकूद अनुभाग के प्रभारी अशोक व्यास सहित शिक्षा विभाग शिक्षा विभाग के गणमान्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।