बीकानेर में बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया…
केन्द्रीय बजट पर बीकानेर में मिली-जुली प्रतिक्रिया लोगों ने दी है। इसमें कांग्रेस ने बजट को नकारा है, तो बीजेपी ने विकास का बजट बताया।
कांग्रेस—
शिक्षा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला ने केन्द्रीय बजट को आसमान छूती महंगाई और बेलगाम बेरोजगारी की आग में घी डालने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार देश की जर्जर होती अर्थव्यवस्था से आमजन का ध्यान भटकाने, आंकड़ों को छिपाने, उनमें घालमेल करने और सही तथ्यों पर पर्दा डालने के खेल में माहिर है, इस बजट में भी नए जुमलों के माध्यम से जनता को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं से प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन इस सरकार का गत ९ सालों का कुशासन इस बात का गवाह है कि देश की युवा शक्ति को रोजगार मुहैया कराने के मसले पर लगातार ठगा जा रहा है। इस बार के बजट में भी बेरोजगारी और महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए है, यह देश के युवाओं और आमजन की उम्मीदों पर कुठाराघात है।
-बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है : भाटी
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा है कि बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं, एमएसपी की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में मनरेगा, गरीब, ग्रामीण श्रम, रोजगार और महंगाई का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ बुनियादी सवालों के जवाब बजट में नहीं दिए गए। उन्होंने कहा कि हर साल २ करोड़ लोगों को रोजगार देने की कोई योजना नहीं देखी। मंहगाई के दौर में टैक्स में छूट की सीमा २.५ लाख से बढ़ाकर ३ लाख कर दी यानि सिर्फ ५० हजार का ही लाभ दिया। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसानों की एमएसएमई दोगुना करने का कोई ऐलान बजट में हुआ ?
केंद्रीय बजट को च्जनविरोधीज् करार देते कहा कि इसमें गरीबों का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने दावा किया कि आयकर स्लैब में बदलाव से किसी की मदद नहीं होगी। उन्होंने कहा, च्च्यह केंद्रीय बजट भविष्यवादी नहीं है। पूरी तरह से अवसरवादी, जनविरोधी और गरीब विरोधी है। यह केवल एक वर्ग के लोगों को लाभान्वित करेगा। यह बजट देश की बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा। इसे २०२४ के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
बजट मकडज़ाल की तरह : गहलोत
शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आज पेश किया गया बजट मात्र जुमलेबाजी है पिछली घोषणाओ का कोई अता पता नहीं युवाओं को रोजगार की उम्मीद महिलाओं के लिए आर्थिक आजादी के साथ साथ सुरक्षा के उपाय और मध्यमवर्गोय परिवारों और व्यापारियों को बढ़ती मंहगाई के बीच इस बजट से बड़ी उम्मीद थी वो धराशायी हुई है। बढ़ती मंहगाई को रोकने केलिए कोइ ठोस कार्ययोजना ना होना बेहद निराशाजनक है आम आदमी जो कि पिछले कई सालों से जुमले सुन रहा है वही कहानी इस बजट में भी दोहराई गयी है।शहर कांग्रेस प्रवक्ता नितिन वत्सस ने कहा कि उद्योगों पर कुठाराघात है बजट।
इंटक के प्रदेश सेके्रटरी जनरल रमेश व्यास ने बजट को छलावा बताया है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी, मजदूरों, किसानों गरीबो को बहुत उम्मीद थी, कि इस वर्ष चुनाव ही चुनाव है तो कुछ तो राहत मिलेगी किन्तु बजट पेश होने के बाद मात्र छलावा ओर निराश ही हाथ लगी।
-पीसीसी सदस्य मकसूद अहमद ने कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश टैक्स मायाजाल है।
आज से २ वर्ष पहले जो महंगाई बढ़ाई गई थी उसको मध्य नजर रखते हुए इस बजट में टैक्स में छूट देकर जनता को गुमराह किया गया है, बेरोजगार मजदूर किसानों के लिए कुछ भी इस बजट में नया नहीं है बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं किया गया और ना ही डीजल पेट्रोल घरेलू रसोई गैस आदि की कीमतें घटाने की बात कही गई इससे यह साबित होता है। महंगाई तो आम आदमी की कमर तोड़ ती हुई नजर आ रही है डीजल पेट्रोल व घरेलू रसोई गैस के दाम अभी भी कम नहीं किए गए है।
इस बजट मे अल्पसंख्यक वर्ग को क्या दिया गया है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है आम आदमी के लिए शिक्षा चिकित्सा गांवों में पानी बिजली सडक़ मूलभूत सुविधा का ध्यान नहीं रखा गया है।
बीजेपी…
नए भारत का बजट : डॉ.शेखावत
भाजपा नेता डॉ. सुरेंद्र सिंह ने केंद्रीय बजट को समावेशी विकास के साथ इक्कीसवीं सदी में दुनिया के विकसित देशों के साथ कदमताल करते विकासोन्मुखी भारत का बजट बताया है।
डॉ.शेखावत ने अमृत काल के पहले बजट में शामिल की गई सात प्राथमिकताओं समावेशी विकास,अंतिम मील तक पहुंचना,इन्फ्रा और निवेश,क्षमता को उजागर करना, हरित वृद्धि,युवा शक्ति एवम वित्तीय क्षेत्र को नए भारत की प्राथमिकता माना है।
भारत की अर्थव्यवस्था चालू वर्ष में ७त्न की दर से बढ़ेगी जो दुनिया में सर्वाधिक होगी। सात लाख तक की आय को करमुक्त करना करदाताओं को बड़ी राहत देने वाला कदम है। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत सभी प्राथमिकता वाले परिवारों के लिए मुफ्त खाद्यान्न पर २ लाख करोड़ रुपये, एमएसएमई के लिए नौ हजार करोड़, ट्रांसपोर्ट इन्फ्रा के लिए पचहतर हजार करोड़,शहरी विकास के लिए दस हजार करोड़ की घोषणा महत्वपूर्ण है।
उच्च मूल्य वाली बागवानी के लिए २२०० करोड़ रुपए,कृषि ऋण लक्ष्य को भी बढ़ाकर २० लाख करोड़ रुपए किया जाएगा ।प्रधानमंत्री आवास (पीएमएवाई) परिव्यय को बढ़ाकर ७९,००० करोड़ करने की योजना हर नागरिक को घर देने की दिशा में बड़ा कदम है।
बजट को आर्थिक रूप से पिछड़ों को सशक्त बनाने वाला : रांका
भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक और पूर्व यूआईटी अध्यक्ष महावीर रांका ने कहा कि लोक कल्याणकारी बजट है। यह गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों और आर्थिक रूप से पिछड़ों तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है। वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि की गई है। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी को आय के नए अवसर पैदा करेगा।
महिलाओं के लिए एक विशेष बचत योजना भी इस बजट में शुरू की जा रही है। यह बजट सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बनाएगा। नए प्राइमरी कॉपरेटिव्स बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का भी ऐलान इस बजट में किया गया है। कुल मिलाकर सर्वजन हित को साधते हुए बजट प्रस्तुत किया गया है।
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-व्यापारियों ने यह कहा…
बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव वीरेंद्र किराड़ूू ने बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। कहा कि केंद्रीय बजट में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए 9000 करोड़ का प्रावधान स्वागत योग्य है। आयकर में 7 लाख तक छूट देना स्वागत योग्य।। ई व्हीकल सस्ते करना स्वागत योग्य है, वहीं जीएसटी स्लैब में कटौती नहीं करना निराशाजनक है। आयकर टेक्स स्लैब में बदलाव नहीं करना निराशाजनक रहा। ब्याज मुक्त ऋण व्यापारियों को नहीं मिलना निराशाजनक रहा। माइक्रो केटेगरी के उधमियों को आयकर ऑडिट से पूर्ण छूट नहीं देना निराशजनक रहा।