बीकानेरNidarIndia.com राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी एवं शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में रविवार को गांधी पार्क में राजस्थानी बाल महोत्सव आयोजित किया गया।
इस मौके पर राजेन्द्र जोशी के बाल कथा संग्रह कदंब रो दरखत का लोकार्पण संभागीय आयुक्त डॉ.नीरज के पवन के सानिध्य में बच्चों ने किया। इस अवसर पर अकादमी अध्यक्ष डॉ.नीरज के पवन ने कहा कि राजस्थानी बाल महोत्सव के माध्यम से राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति का प्रचार-प्रसार होगा।
उन्होंने कहा कि अकादमी की मुखपत्रिका जागती जोत का नवंबर अंक बाल विशेषांक होगा। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। हमें अपने अंदर की जिज्ञासा व उत्सुकता को जिंदा रखना चाहिए। कदंब रो दरखत बच्चों के लिए लिखी गई बेहतरीन पुस्तक है।
लोकार्पित पुस्तक के लेखक राजेन्द्र जोशी ने कहा कि हमें अपनी मातृभूमि व मातृभाषा राजस्थानी पर गर्व करना चाहिए। हमें राजस्थानी भाषा में अध्ययन की स्वतंत्रता मिलनी ही चाहिए क्योंकि हम राजस्थानी में बहुत से विषयों को अधिक आसानी से समझ सकते हैं।
साहित्य अकादेमी नई दिल्ली में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य ने कहा कि बच्चों के लिए लिखी गई पुस्तक का लोकार्पण स्वयं बच्चों ने किया यह बड़ी बात है। अकादमी के सचिव शरद केवलिया ने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के विकास की दिशा में राजस्थानी बाल महोत्सव मील का पत्थर साबित होगा।
संचालन करते हुए बाल गायिका आरती छंगाणी ने किया। कार्यक्रम में अलग-अलग सम्प्रदायों के बालकों राघव सोनी, गीता सोनी, चैतन्य सहल, शौर्य जनागल, माधव राजपुरोहित, जुनैद खान, जैद खान, सतीश मूंड, अरमान नदीम, ध्रुवशेखर जोशी मौजूद रहे।
संयोजक राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि संवित शिक्षण संस्थान के बाल कलाकारों निर्मला कंवर, कविता नायक,आंचल गौड़, हिमांशी राजपुरोहित, प्रतीक्षा जोहरवाल, रितिका कंवर, मिनिष्का बीका एवं स्वरूप राठौड़ ने जै-जै राजस्थान जैसे लोकप्रिय गीत पर शानदार लोक नृत्य की प्रस्तुति दी।