बीकानेर Nidarindia.com कोचर कुलदीपिका साध्वी सौम्यदर्शना का प्रवचन रविवार को रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला हुआ। इस मौके पर उन्होंने ने कहा कि जिनवाणी के आलंबन से ही विवेक रूपी दीपक रोशन होगा। संयम व तप का संकल्प कर धमप्रवृत्तियों को बढ़ाकर चातुर्मास में जीवन परिवर्तन लाएं।
इस अवधि में जिनवाणी सुनें तथा धर्म मार्ग पर आगे बढ़ें। इससे पूर्व साध्वी अक्षयदर्शना ने कहा कि जैन धर्म अहिंसा प्रधान धर्म है और हिंसा से बचने के लिए अहिंसा को समझना होगा। हर जीव में दस प्राण होते हैं, इनमें से किसी भी प्राण को छीनना हिंसा है। केवल मारना ही नहीं बल्कि किसी के मन को ठेस पहुंचाना, वाणी से कटुवचन बोलना भी हिंसा है।
उन्होंने श्रवण की महत्ता बताते हुए कहा कि सुनना बहुत जरूरी है, सुनने से ही पता चलेगा कि हमारे लिए क्या कल्याणकारी है। जिनवाणी सुनें, तभी मोक्ष का मार्ग मिलेगा। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्री संघ के अध्यक्ष रिखबचंद सिरोहिया ने बताया कि साध्वीवृंद के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के साथ ही रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में रविवार से प्रवचन शृंखला शुरू हुई है।
चातुर्मास के मुख्य लाभार्थी सुरेन्द्र जैन बद्धाणी ने बताया कि नवकार मंत्र से सुबह नौ बजे से साध्वी का प्रवचन शुरू हुआ। अब 15 जुलाई से 28 दिवसीय गौतम लब्धि तप प्रारंभ होगा। विकास सिरोहिया ने बताया कि प्रवचन के बाद गुरु वल्लभ वंदन किया गया तथा प्रभावना पूनमचंद विजय चंद कमलचंद धर्मेन्द्र बांठिया परिवार की ओर से दी गई।