बीकानेरNidarindia.com ‘हर-हर महादवे…ओम नम् शिवाय: की गूंज। शंख-नगाड़ों की करतल ध्वनि। वातावरण में बह रही थी शिव भक्ति की सरिता। ऐसा नजारा था सोमवार को शिव मंदिरों का। सावन माह के अंतिम सोमवार के अवसर पर शिवलयों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस दिन प्रदोष का संयोग बैठने से यह दिन और खास हो गया।

सहस्त्रधारा से रिझाया…
देवों के देव महादेव को प्रसन्न किया है। सहस्त्रधारा, घी, दूध, दही, चीणी, गन्ना रस से अभिषेक कर शिव को रिझाया। बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शंकर का पूजन किया। गिन्नाणी स्थित बारह महादेव मंदिर में शिवलिंग को श्रीनाथजी के रूप मे शृंगारित किया गया।
करमीसर रोड स्थित काशी विश्वनाथ, श्रीरामसर रोड धरनीधर महादेव मंदिर, अमरेश्वर महादेव, शिवबाड़ी के डूँगरेश्वर महादेव, गोपीनाथ मंदिर, जनेश्वर, जबरेश्वर मंदिर मे विशेष पूजन और श्रंगार हुए।
श्रावण के अन्तिम सोमवार व प्रदोष पर्व को पावन अवसर पर नाहर सिंह महादेव का पंच पुष्प सर्वोषधी से अभिषेक किया गया। दोस्ताना गु्रप और नाहर सिंह महादेव मंण्डल की ओर से श्रद्धालुओं ने केदारनाथ झांकी का भव्य श्रृंगार किया गया । नत्थूसर गेट बाहर रंगा बागेची में स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर में मुरली पान वाला परिवार की ओर से ५१ किलो दूध का अभिषेक किया गया। ११ वेद पाठी ब्राह्मणों ने रमका झमका रुद्री पाठ से किया।
काशीविश्व नाथ मंदिर में कानू मंडल की ओर से अभिषेक पूजन किया गया। इस दौरान अशोक पुरोहित, कन्हैयालाल रंगा, केके छं्रगाणी, इन्दू जोशी, किशन स्वामी, सागरसा सहित श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

शिवबाड़ी में वैज्ञानिकों को समर्पित
श्रीलालेश्वर महादेव भक्तगणों और साधकों की ओर से चन्द्रयान के वैज्ञानिकों को समर्पित अभिषेक किया गया और भगवान शंकर से प्रार्थना की गई कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज वसुदेव कुटुम्बकम् की भावना को दृष्टिगत रखते हुए विश्व पटल पर लहराता रहे । इसी परिपेक्ष्य में शिवमठ, शिवबाड़ी के प्रागंण में स्थित सभी मन्दिरों में विशेष अर्चना.पूजन भक्तगणों एवं साधकों की ओर से किया गया।
आयोजन समिति के कन्हैयालाल पंवार ने बताया कि श्रावण मास के अन्तिम सोमवार पर दर्शानार्थियों की सुविधा के लिए शीतल जल की व्यवस्था सहित व्यवस्थाएं की गई।

