बीकानेरNidarindia.com निर्जला एकादशी पर आज शहर में दान-पुण्य की धारा बहेगी। आस्थावान लोग जरुतमंदों को दान कर पुण्य कमाएंगे। वहीं नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों का मेला सा रहेगा। कई श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को भी एकादशी मनाई थी।
इसके लिए मंदिर परिसर में धूप और गर्मी से बचने के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। मंदिर परिसर में शामियाने लगाए गए हैं, वहीं गर्मी से बचाव के लिए कूलर रखे गए हैं। दर्शनार्थियों के आने-जाने के लिए बेरिकेट्स लगाकर रास्ता बनाया गया है। मंदिर परिसर में शीतल जल की व्यवस्था की गई है।
जगह-जगह होगी सेवा…
निर्जला एकादशी पर शहर में कई स्थानों पर शीतल जल, शर्बत, शिकंजी, लस्सी सहित पेय पदार्थों के साथ फलों का वितरण किया जाएगा।
सबसे अहम है व्रत…
भागवताचार्य पंडित दुर्गादत्त व्यास के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत को सभी एकादशी में से श्रेष्ठ माना गया है। इस उपवास को करने से पुण्य प्राप्त होता है। पौराणिक कथा के अनुसार इस व्रत को महाबली भीम ने भी किया था, इस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु-लक्ष्मी का पूजन का महत्व भी है। साथ ही जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री, वस्त्र और फल और सबसे अहम है पानी का दान करना चाहिए। यही वजह है कि इस दिन आस्थावान लोग मटकियां, पंखी इत्यादि का दान करते हैं।
बाजारों में रौनक…
दो साल कोरोना के बाद इस बार निर्जला एकादशी को लेकर बाजारों में जबर्दस्त रौनक है। बाजरों में चीनी से बने ओळे, चीनी व फलहारी आटे से निर्मित सेवइयों की दुकानों पर शुक्रवार को भी भीड़ रही। लोगों ने मटकियां, मिठाइयां, सेवइयां, शर्बत, आम की खरीदारी की।