बीकानेरNidarIndia.com पितर पक्ष (श्राद्ध) शनिवार से शुरू हो जाएंगे। इसके बाद एक पखवाड़े तक मांगलिक कार्य निषेध रहेंगे। वहीं पितरों की तृप्ति के लिए तालाबों पर आस्थावान लोग तर्पण करेंगे। यह अनुष्ठान 25 सितंबर तक चलेगा।
अंतिम दिन हवन-पूजन होगा। कर्मकांडी भास्कर पंडि़त नथमल पुरोहित के शिष्य पंडि़त गोपाल ओझा के सान्न्ध्यि में धरणीधर तालाब पर श्राद्धपक्ष में 10 से 25सितंबर तक तर्पण अनुष्ठान कराया जाएगा। यह कर्म सुबह 5बजे से 8 बजे तक चलेगा। इसमें तीन पारियां होगी। अंतिम दिन हवन होगा। पितर पक्ष में अन्य तालाबों पर भी तर्पण अनुष्ठान होंगे।
होते है पितर प्रसन्न…
पंडि़त ओझा के अनुसार मान्यता है कि श्राद्धपक्ष में पितर तर्पण करने से पितर देवता प्रसन्न होते हैं। इसलिए इस पखवाड़े में दान-पुन्य के साथ ही तर्पण का खास महत्व बताया गया है। इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि रहती है।