बीकानेर : रानी बाजार में जल्द बनेगा अंडर ब्रिज, रेलवे की पूरी तैयारी, यूआईटी को कराया अवगत - Nidar India

बीकानेर : रानी बाजार में जल्द बनेगा अंडर ब्रिज, रेलवे की पूरी तैयारी, यूआईटी को कराया अवगत

बीकानेरNidarIndia.com रानी बाजार रेलवे फाटक पर जल्द ही अंडर ब्रिज निर्माण होगा। इसको लेकर रेलवे ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। अब प्रारम्भिक कार्य नगर विकास न्यास की ओर से किए जाने हैं, इसके बाद रेलवे अंडर ब्रिज की प्रक्रिया शुरू करेगा। यूआईटी की ओर से इन कार्यों के पूरा करने की तिथि निर्धारित होते ही रेलवे आवश्यक ट्राफिक ब्लॉक और रेल सेवा में आवश्यक बदलाव, कैन्सलैशन के लिए प्रस्ताव मुख्यालय के माध्यम से रेल मंत्रालय को भेज देगी।

यूआईटी सचिव को कराया अवगत…

उत्तर पश्चिमी रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनिल रैना के अनुसार रेलवे प्रबंधन की ओर से यूआईटी को इस संबंध में अवगत कराया गया था। इसमें बताया गया था कि रैम्प और रेलवे ट्राफिक ब्लॉक में पटरियों के नीचे आरसीसी बॉक्स रखने के लिए आवश्यक खुदाई को जमीन पर मार्क करना आवश्यक है। इस मार्किंग के अंदर आने वाले सभी केबल, पाइपलाइन, नाले इत्यादि को पहले ही स्थानांतरित कर लिया जाना आवश्यक है।

ट्रैक के समानांतर, अंबेडकर सर्किल की ओर, प्रस्तावित आरयूबी बॉक्स के किनारे से बनाने वाले रैम्प में 20 मीटर की दूरी पर एक सीवेज नाला गुजर रहा है जो रैम्प के बीच में पड़ेगा, इस स्थिति में नाले को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। यह स्थानांतरण आरयूबी साइट पर आरसीसी बॉक्स रखे जाने से पहले करना होगा ताकि किसी भी प्रकार के लीकेज से बचा जा सके जो रेलवे ट्रैक के लिए भी खतरा उत्पन्न कर सकता है।
आरसीसी बॉक्स बिछाने से पहले, रैंप की खुदाई पूरी की जानी है ताकि आरसीसी बॉक्स के लिए रेल ट्राफिक ब्लॉक में खुदाई करने तथा मिट्टी साइट से हटाने में बाधा उत्पन्न नहीं हो। ट्रैक के नजदीक रेलवे कोच कॉम्प्लेक्स के पास स्थित सड़क सतह पर नाली का मार्ग परिवर्तन पहले ही कर लेना आवश्यक है।

कोच केयर कॉम्प्लेक्स का मार्ग रैम्प की खुदाई करने से अवरूद्ध हो जाएगा अत: कोच कॉम्प्लेक्स के लिए वैकल्पिक प्रवेश मार्ग बनाना है। रेलवे ट्रैक के नीचे एक सीवर पाइप लाइन प्रतीत होती है क्योंकि एक वेंट कोच केयर कॉम्प्लेक्स परिसर के किनारे पर दिखाता है। उसे भी आर यू बी बॉक्स रखने से पहले स्थानांतरित किया जाए। यह भी सुझाव दिया गया है कि चूंकि यूआईटी द्वारा पूर्व में इस तरह के कार्य निष्पादित नहीं किए गए हैं अत: पीडब्ल्यूडी जैसे संगठन से तकनीकी सहायता ले जा सकती है।

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