इक्कीसिया गणेश मंदिर परिसर में गणेश त्रिपुरा साधना पीठ कर रही है ये धार्मिक अनुष्ठान




बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
शहर में इन दिनों भगवान भोलनाथ की भक्ति की सरिता हिलोरे ले रही है। मंदिरों में जहां विशेष पूजन-अभिषेक चल रहे हैं। वहीं दूसरी और कई स्थानों पर इस बार मिट्टी से पार्थिव शिव लिंग निर्माण के अनुष्ठान चल रहे हैं। जहां पर श्रद्धालु रोजाना हजारों की संख्या में पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर उनका पूजन कर रहे हैं। सावन माह के अंतिम दिन पार्थिव शिवलिंगों का विसर्जन पवित्र सरोवर में किया जाएगा।
यहां चल रहे धार्मिक अनुष्ठान…


शहर का प्राचीन इक्कीसिया गणेश मंदिर परिसर इन दिनों वैदिक मंत्रों से गूंज रहा है। यहां दोपहर से लेकर शाम गहराने तक प्रतिदिन बड़ी संख्या में पार्थिव शिवलिंगों के निर्माण का नियमित अनुष्ठान चल रहा है। गणेश त्रिपुरा साधना पीठ के तत्वावधान में यह अनुष्ठान सावन मास लगते ही शुरू हो गया जो सावन मास की पूर्णिमा के बाद संपन्न होगा। अंतिम दिन पूजा अर्चना के बाद विधि विधान के साथ पार्थिव शिवलिंगों को पवित्र सराेवर में विसर्जित किया जाएगा।
यह अनुष्ठान पं. किशन किराडू के आचार्यत्व में शिवलिंग निर्माण व रूद्राभिषेक, काल सर्प योग शांति और नवग्रह शांति के उद्देश्य से यह अनुष्ठान अभी भी जारी है। इस अनुष्ठान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम बिस्सा ने बताया कि पूरे सावन मास में कुल सवा लाख पार्थिव शिवलिंग बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यहां प्रतिदिन 11 वेदपाठी ब्राह्मणों के हाथों हजारों पार्थिव शिवलिंग वैदिक मंत्रों के साथ बनाए जा रहे हैं।
इस अनुष्ठान में प. श्याम सुंदर किराडू, गोपाल किराडू, मदन मोहन, कपिल ओझा, राहुल रंगा, अमित व्यास, लाली बोहरा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर पार्थिव शिवलिंग के अनुष्ठान में भागीदारी निभा रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां स्थापित गणेश त्रिपुरा साधना पीठ में दर्शनार्थ आ रहे हैं। पूरा परिसर भगवान शंकर के जयकारों से गूंज रहा है।
उधर जस्सूसर गेट के बाहर रंगा-बिस्सा पंचायती भवन में भारतीय लघु पंचाग कार्यालय में पं. अशोक कुमार बिस्सा (सन्ना महाराज) के सानिध्य में वेदपाठी ब्राह्मण पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर रहे हैँ। इसकी पूर्णाहुति रक्षाबंधन के दिन होगी। इस अवसर पर पं. गिरिराज रंगा, मक्खन लाल सेवग, बिजू बिस्सा आदि पूरे मनोयोग से पार्थिव शिवलिंग बनाकर इसका नियमित पूजन कर रहे हैं।
इसके साथ ही धीरज नगर, रामपुरिया हवेली के समीप स्थित शिव मंदिर, धरणीधर महादेव सहित कई स्थानों पर यह अनुष्ठान इन दिनों आस्था के किए जा रहे हैं।
