बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।

देश के प्राचीनतम सिक्के। पुराने नोट। अन्य देशों की मुद्राएं देख लोग आज रोमांचित हो उठे। मौका था बीकानेर मुद्रा परिषद की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का। आसानियों के चौक में स्थित सूरज भवन में सजी इस प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। आज एक स्कूल के विद्यार्थी भी सिक्कों का सग्रह देख कर रोमांचित हो उठे। विद्यार्थियों के लिए इतिहास, संस्कृति और सभ्यता को नजदीक से देखने का अवसर था।
यहां पर प्राचीन सिक्कों का एक ही स्थान पर संग्रह है। इसमें देश के कई राज्यों से मुद्रा संरक्षण के प्रेमी शामिल हुए हैं। आयोजन से जुड़े महेन्द्र बरडिया ने बताया कि प्राचीन सिक्कों में देश की संस्कृति झलक साकार हो उठती है। यह लोगों के दिलों में विशेष छाप छोड़ने में कामयाब होगी। साथ ही लोग इनके प्रति जागरुक होंगे, इसी उद्देश्य से सिक्कों का संकलन कर उसकी प्रदर्शनी लगाई गई है।
सिक्कों से सभ्यता का होता है ज्ञान

प्राचीन मुद्राओं से उस काल की सभ्यता,संस्कृति, आदान- प्रदान की वाणिज्य व्यवस्था का ज्ञान होता है। प्रदर्शनी में बताया गया है कि एक समय में मुद्राएं चमड़े की भी चली, तांबा, पीतल, सोने और चांदी से निर्मित सिक्कों का बेहतरीन संग्रह यहां देखने को मिल रहा है। सिक्कों के साथ ही पुराने नोटों का ही एक बेहतरीन संग्रह यहां समाहित किया गया है। इसके साथ धीरे-धीरे नोट भी प्रचलन में आए, यह सब संग्रहणीय वस्तु है। प्रदर्शनी कल शाम तक रहेगी। इसमें कृषाण कालीन, मुगल, भारतीय, ब्रिटिश काल और आजादी के बाद से अब तक प्रचलन में आए हर तरह के सिक्के, नोटों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
इन महानगरों से आए
प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए बीकानेर में कोलकाता, मुंबई,सहारनपुर, गुजरात सहित राजस्थान के कई जिलों से संग्रहकर्ता भाग ले रहे हैं। महेन्द्र बरडिय़ा ने के अनुसार आमजन सिक्कों के मूल्य को नहीं समझता है और उन्हें चंद रुपयों के लालच में गलत हाथों में सौंप देता है, हमारा प्रयास है कि हम अपनी धरोहर को बचाएं। इसलिए प्रदर्शनी में प्राचीन मुद्राओं को लाने वालों को विशेषज्ञ अच्छा मोल भी देते हैं। साथ ही धरोहर की कद्र करने वाले यहां से संग्रह के लिए खरीद भी कर सकते हैं।


