बीकानेरNidarindia.com अन्तरराट्रीय वैश्य सम्मेलन शनिवार रात को नोखा रोड स्थित हंसा गेस्ट हाउस में आयोजित किया गया। इसमें शामिल वैश्य समाज के पदाधिकारियों ने एकजुटता का आह्वान किया। कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए पूर्व संसदीय सचिव और विधानसभा चुनाव में पूर्व विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे कन्हैयालाल झंवर ने कहा कि आज आवश्यकता है वैश्य समाज को अपनी ताकत दिखाने की। तभी राजनीति में भागीदारी बन पाएगी। उन्होंने कहा कि वोट के पीछे पार्टियां चलती है।
ऐसे में सक्षम समाज होते हुए भी आज राजनीति में पिछड़े क्यों है? इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर मजबूती दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि आज विधानसभा हो या लोकसभा दोनों में ही वैश्य समाज के चुनिंदा प्रतिनिधि ही है। झंवर ने कहा कि राजस्थान में वैश्य समाज को जनगणना करानी चाहिए, ताकि राजनैतिक पार्टियों को अपनी ताकत बता सके। कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी धु्रव दास अग्रवाल ने कहा कि आज वैश्य समाज को अपनी ताकत, बल का भान नहीं है। तभी तो राजनीति में पिछड़े है, जबकि दान, रोजागार और व्यापार में आगे है।
इसके बाद भी उचित प्रतिनिधि राजनीति में नहीं मिला, इसके लिए जरूरी है, एकता, संगठन में मजबूती और अपने बल को पहचानने की। संगठन स्तर पर अलग-अलग प्रदेशों, जिलों में जाकर वैश्य समाज को जागरुक कर रहे हैं, यह काम आगे भी जारी रहेगा।
उन्होंने उडि़सा का पूर्व अनुभव साझा करते हुए बताया कि तात्कालीन सीएम बीजू पटनाय सरकार के समय का किस्सा सुनाया, जिसमें वैश्य समाज ने अपनी एकता दिखाई, जिसका परिणाम भी साकारात्मक रहा। प्रदेश महामंत्री गोपाल दास गुप्ता ने कहा कि जो पुरुषार्थ करता है, लक्ष्मी उनका वरण करती है। आज वैश्य समाज में पालनकर्ता, समाज सेवाकर्ता सरीखे गुण है, लक्ष्मी भी है। इसके बावजूद राजनीति में प्रतिनिधित्व में पिछड़े है। यह आज जरूरी हो गया है कि इस समाज का प्रतिनिधि विधानसभा, लोकसभा में जाए। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज का वृहद इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा कि वोट की कीमत भी समझनी होगी, इसके लिए सभी को जागरुकता फैलानी होगी। कार्यक्रम में श्रीगंगानगर से आए संभाग प्रभारी राधेश्याम शेरेवाला ने अपने उद्बोधन से सभी में नई ऊर्जा भर दी। शेरेवाला ने कहा कि आज वैश्य समाजिक बंधु जहां-तहां रह रहे हैं, वहां पहुंचकर उन्हें जागरुक करना बहुत जरूरी हो गया है। यह आज की आवश्यकता है, जबतक अपनी आवाज राजनैतिक दलों तक नहीं पहुंचेगी। तब तक आगे कैसे बढ़ेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष महावीर रांका ने कहा कि वैश्य समाज किसी भी दृष्टि से पीछे नहीं है, बस जरुरत है, तो एकजुटता की।
प्रदेश मंत्री मोहन सुराणा ने कहा कि आज कहा कि जब कभी दान, समाजिक सरोकार की बात आती है, तो वैश्य समाज एकसाथ दयाभाव से खड़ा नजर आता है। फिर कोरोना हो या ओर कोई विपदा, लेकिन विडम्बना है कि वोटों में आभी भी पीछे हैं। जब तक वोट की कीमत नहीं समझेंगे, प्रतिनिधित्व कैसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि कई मौके ऐसे आए हैं जब वैश्य समाज ने आर्थिक मदद के के लिए आगे आया है, लेकिन आज राजनीति सबसे सशक्त माध्यम है, लोगों तक अपनी बात रखने का, सेवा करने का, मगर इसमें वैश्य समाज पीछे हैं। इसके लिए हमसभी को एकजुट होना पड़ेगा। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष जुगल राठी वर्चुअल जुड़े, उन्होंने सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि विकास के लिए अहम है कि समाज संगठित होकर कार्य करें।
महिला विंग की धनलक्ष्मी ने कहा कि दृढ़ संकल्प से दुविधा दूर होती है। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा सर्वोपरि है, मातृ शक्ति बच्चों के सर्वागीण विकास की बात कही। जिला महामंत्री विजय बाफना ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। साथ ही युवाओं से अधिकाधिक भागीदारी निभाने की बात कही। कार्यक्रम में नोखा नगर पालिका अध्यक्ष नारायण झंवर, डॉ.संजय कोचर, यूथ विंग जिला इकाई के कृष्णा सेठिया, युवा उपाध्यक्ष लोकेश करनाणी, हंसराज डागा, अंकुश चौपड़ा, मनोज सेठिया ने भी विचार रखे। संचालन किशन लोहिया ने किया।
इनका हुआ सम्मान
कार्यक्रम में रोग निदान सेवा संस्था के भतमाल पेडि़वाल, देव किशन, पीबीएम के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.संजय कोचर सहित विभूतियों का अतिथियों ने शॉल ओढ़ाकर, साफा पहनाकर सम्मान किया।
यह हुए शामिल…
कार्यक्रम में व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष सुभाष मित्तल, अन्तरराष्ट्रीय वैश्य सम्मेलन के युवा उपाध्यक्ष लोकेश कलवाणी, मंत्री अंकुश चौपड़ा, उद्यमी श्रीराम सिंघी, पूर्व महापौर नारायण चौपड़ा, ओम प्रकाश करणानी, सोहन लाल वैद, शिव महात्मा, मनोज बजाज, एडवोकेट महेन्द्र वैद, दिनेश महात्मा, नवरतन तातेड़, अशोक रांका, लीलाधर राठी, निखील अग्रवाल, अश्लेष अग्रवाल, डॉ.प्रदीप जैन, कमल बोथरा, प्रवीन जैन, घनश्याम महात्मा, हिमांशु अभिषेक जैन, जेठमल नाहटा, देवेश खंडेलवाल, श्रीभगवान अग्रवाल, महेश जैन, चंद्रकला कोठारी, निशा झंवर, रेणु झंवर, उषा महात्मा सहित बड़ी संख्या में वैश्य समाज के गणमान्य लोग और महिला शक्ति मौजूद रही।