बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।




“हाथों में पूजा की थाली, आई रात सुहागों वाली…ओ चाँद को देखूं , हाथ मैं जोड़ूं ,करवा चौथ का व्रत मैं तोड़ूं…” फिल्मी गीत की यह पंक्तियां शुक्रवार को साकार हो उठी। अवसर था करवा चौथ पर्व का। विवाहिता महिलाओं ने दिनभर भूखे रहकर रात को चंद्र उदय के बाद व्रत का पारना किया। अखंड सौभाग्य, पति की दीर्घायु की कामना को लेकर करवा चाैथ का उपवास किया गया। देर शाम को चांद नजर आने पर महिलाओं ने विधि-विधान से चांद का पूजन किया।

उसके बाद छलनी से पहले चांद और पति का चेहरा देखा और पति की लम्बी उम्र की कामना की। पति ने अपने हाथों से पत्नी को पानी पिलाया और व्रत का पारण करवाया। पर्व को लेकर शहर में दिनभर रौनक रही। परम्परा के अनुसार बहिन बेटियों के यहां मैदे से बने खाजे, मिठाई नमकीन, कही पर मिट्टी से बने करवे भेजे गए।
चौथ माता मंदिर में हुई पूजा-अर्चना
बीकानेर में मां करवा चौथ मंदिर में पूजा अर्चना की गई। मंदिर में गणेश जी के साथ मां करवा चौथ की विराजित है। पुजारी राजेश भादाणी ने बताया की करवा चौथ के दिन सुबह के समय करवा चौथ माता का अभिषेक किया गया। उसके साथ उनका श्रृंगार किया गया। विशेष यहां 16 दिन तक चुरमे की पांडोली का भोग लगाने पर मां करवा चौथ माता मनोकामना पूर्ण करती है। शुक्रवार को सुबह से ही मंदिर में महिलाओं की भीड़ रही।
फोटो : एसएन जोशी।





