स्वास्थ्य : पीबीएम में बनेगा संभाग का पहला स्पाइन इंजरी सेन्टर, राज्य सरकार ने आवंटित किया 2 करोड़ रुपए का बजट - Nidar India

स्वास्थ्य : पीबीएम में बनेगा संभाग का पहला स्पाइन इंजरी सेन्टर, राज्य सरकार ने आवंटित किया 2 करोड़ रुपए का बजट

बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज। 

पीबीएम अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग में संभाग का पहला स्पाइन इंजरी सेंटर विकसित होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 2 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह सेंटर रीढ़ की हड्डी से संबंधित चोटों के उपचार में मील का पत्थर साबित होगा। इसके नोडल अधिकारी के रूप में डॉ. कपिल पारीक को नियुक्त किया गया है। यह इस सेंटर को ज़मीनी हक़ीक़त बनाने के लिए प्रिंसिपल डॉक्टर गुंजन सोनी और राज्य सरकार के आदेशानुसार जनवरी 2024 से प्रयासरत रहे है।

इस परियोजना के तहत 30 बेड का एक समर्पित वार्ड स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए ‘एफ’ वार्ड को सुरक्षित किया गया है। 2 करोड़ रुपये के बजट में से 1.5 करोड़ रुपये आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की खरीद पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 50 लाख रुपये की लागत से ‘एफ’ वार्ड का नवीनीकरण किया जाएगा।

इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी की ओर से निर्देशित कर दिया गया है । सुपर स्पेशलीटी ब्लॉक के ओटी कॉम्प्लेक्स में एक डेडिकेटेड स्पाइन इंजरी ऑपरेशन थियेटर न्यूरोसर्जरी विभाग को समर्पित कर दिया गया है।जहां मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

डॉ. कपिल पारीक, नोडल ऑफिसर, स्पाइन इंजरी सेंटर।

इसके साथ ही, भारत सरकार ने जोधपुर, उदयपुर, कोटा और बीकानेर में स्पाइन इंजरी सेंटर स्थापित करने के लिए कुल 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में इस दिशा में कार्य तेजी से प्रगति पर है। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी, न्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश सोढी और नोडल अधिकारी डॉ. कपिल पारीक की देखरेख में यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है।

अभी तक बीकानेर में स्पाइन से संबंधित बीमारियों का इलाज न्यूरोसर्जरी विभाग में होता आया है अब स्पाइन इंजरी सेंटर के स्थापित हो जाने के बाद स्पाइन की चोटों से संबंधित समग्र व विश्वस्तरीय इलाज इसके अधीन हो पाएगा।

यह सेंटर रीढ़ की हड्डी की चोटों से पीड़ित मरीजों के लिए विशेष उपचार सुविधा प्रदान करेगा, जिससे बीकानेर संभाग के मरीजों को जयपुर या अन्य बड़े शहरों में जाने की आवश्यकता कम होगी। यह पहल न केवल स्थानीय मरीजों के लिए राहत होगी, बल्कि चिकित्सा के क्षेत्र में बीकानेर की पहचान को और मजबूत करेगी।

Share your love
Facebook
Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *