श्री शास्त्रीय संगीत कला मंदिर संस्थान के तत्वावधान में हुई शास्त्रीय संगीत संध्या

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
शास्त्रीय संगीत कला मंदिर संस्थान डागा चौक के तत्वावधान में रविवार रात को संस्थान परिसर में शास्त्रीय संगीत संध्या आयोजित की गई। इसमें कोलकाता प्रवासी युवा शास्त्रीय गायक अस्मित व्यास का शास्त्रीय गायन हुआ। कलाकार ने शास्त्रीय संगीत में निबद्ध बंदिशें सुनाकर सभी को मंत्रमुग्द कर दिया। कलाकार की गायन शैली में अपने संगीत घराने और संस्थान की छाप देखने को मिली। कलाकार ने राग बिहाग में निबद्ध छोटे ख्याल के स्वर छेड़े तो पूरा परिसर तालियों से गूंज उठा। इसके बाद युवा गायक ने राग काफी में निबद्ध ठुमरी “”जब से श्याम सिधारे… की मधुर प्रस्तुति से समां बांध दिया। रात गहराने के साथ ही शास्त्रीय संगीत संध्या अपने चरम पर पहुंचने लगी। कलाकार ने अपनी विशेष गायन शैली से श्रोताओं को बांधे रखा।

अस्मित ने खास फरमाईश पर ‘श्याम ‘बांसुरिया बजाए…सुनाकर खूब दाद बटौरी। कलाकार ने राग तिलंग में राम भजन सुनाया। कार्यक्रम में जब कलाकार अस्मित ने अपनी खास गायन शैली में राग अडाना पर आधारित काली माता का भजन “माता कालीका…के स्वर छेड़े तो संसथान परिसर सहित चौक में बैठक शास्त्रीय गायन सुन रहे श्रोताओं ने जमकर तालिया बजाई और कलाकार का हौसला बढ़ाया। अस्मित ने कार्यक्रम के अंत में राग भैरवी पर आधारित भजन “भवानी दयानी…भवानी….की दमदार प्रस्तुति दी। कलाकार के साथ तबले पर ख्यातिनाम कलाकार गुलाम हुसैन ने तबला संगत की और हारमोनियम पर पंड़ित नारायण रंगा ने साथ दिया। इस मौके पर युवा कलाकार ने कहा बीकानेर में संगीत का अच्छा माहौल है। यहा सुधी श्रोता है। गौरतलब है कि युवा गायक अस्मित वर्तमान में देश की प्रतिष्ठित शास्त्रीय संगीत संस्थाआईटीसी संगीत अनुसंधान अकादमी, कोलकाता में पद्मभूषण गुरु पंडित अजय चक्रवर्ती और देबोर्शी भट्टाचार्य से संगीत की शिक्षा ले रहे हैं।
इस अवसर पर श्री शास्त्रीय संगीत कला मंदिर संस्थान की ओर से पंड़ित नारायण रंगा सहित गणमान्य लोगों ने कलाकार अस्मित व्यास को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया। कार्यक्रम में स्पिक मैके के राज्य सचिव दामोदर तंवर, लोक गायक सांवर लाल रंगा,युवा गायक कैलाश रंगा, गिरधर दास रंगा, गोकुल चंद व्यास, चंद्र गोपाल पुरोहित (बांसुरी वादक), कथा वाचक पंड़ित सुनील व्यास, गौरी शंकर सोनी, एडवाेकेट जुगल नारायण पुरोहित,तबला वादक धीरज पुरोहित, गायिका सारी दुनिया रंगा, मंजू रंगा, छगन आचार्य, श्याम सुंदर रंगा, आशुतोष रंगा, भागीरथ कच्छावा सहित संगीत रसिकों ने शास्त्रीय गायन का लुत्फ उठाया।

