

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
बीकानेर के ख्यातिनाम समाजसेवी हरखचंद नाहटा की स्मृति में 25 रुपए का सिक्का जारी किया जाएगा। यह समारोह जयपुर रोड स्थित हरखमणि फार्म हाउस में होगा। इसको लेकर आज श्री हरखचंद नाहटा स्मृति न्यास की ओर से नोखा रोड स्थित हरखमणि में हुई प्रेस वार्ता में हरखचंद नाहटा के पुत्र ललित नाहटा ने बताया कि कार्यक्रम में राजस्थान राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागडे 40 ग्राम चांदी का 25 रुपए का सिक्का लोकार्पित करेंगे। ललित नाहटा के अनुसार हरखचंद नाहटा बीकानेर की पहली ऐसी शख्सियत थे जिनके नाम पर चांदी का सिक्क् जारी होने जा रहा है। आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है।
इस समारोह में केन्द्रीय कानून एवं विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, महाराष्ट्र के जैन माइनोरिटी, फाइनेंस डवपलमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन ललित एस गांधी, मध्यप्रदेश के सांसद अनिल फिरोजिया,राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री सुमित गोदारा, बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास, बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी, डूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत, नोखा विधायक सुशीला देवी डूडी, कोलायत विधायक अंशुमानसिंह भाटी, खाजूवाला के विधायक विश्वनाथ मेघवाल, नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई भी कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल होंगे। प्रेस वार्ता में ललित नाहटा, उद्योगपति कन्हैयालाल बोथरा, सुधीर लूणावत, पदमचंद नाहटा भी मौजूद रहे।
बीते साल जारी हुआ था राजपत्र
सिक्के को जारी करने के संबध में 31 मार्च 2024 को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने गजट अधिसूचना भी जारी की थी। ललित नाहटा ने बताया कि यह सिक्का भारत सरकार की मुंबई टकसाल की ओर से बनाया गया है। यह 40 ग्राम है जो शुद्ध चांदी का बना है।
बीकानेर में जन्मे विरल विभूति नाहटा
कन्हैयालाल बोथरा ने बताया कि हरखचंद नाहटा 18 जुलाई 1936 में बीकानेर के एक प्रतिष्ठित परिवार सेठ भैरूंदान नाहटा के घर पर हुआ था। नाहटा एक समाजसेवी और परोपकारी उद्यमी थे। बोथरा के अनुसार नाहटा एक जीवट व्यक्तित्व और मृदुभाषी थे। कई शीर्ष सामाजिक और धार्मिक संस्थानों के कार्यों में सक्रिय रूप से सम्मिलित होकर सामाजिक कल्याण,धर्म ,कला, संस्कृति और जीव दया के प्रचार प्रसार में व सार्वजनिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नाहटा त्रिपुरा के दुर्गम और निर्जन इलाकों में सड़क परिवहन शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। त्रिपुरा में सबसे बड़ी रेलवे आउट एजेंसी (त्रिपुरा टाउन आउट एजेंसी) को संभालते हुए और भारी लागत और जोखिम के साथ सड़क परिवहन का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया। वहीं दिल्ली और बीकानेर में मुख्य सडकों का नाम भी हरखचंद नाहटा के नाम से नामकरण किया हुआ है।
नाहटा ने अपने टेक्नीशियन स्टूडियो के माध्यम से पूर्वी भारत में सिनेमा के विकास में बहुत योगदान दिया। कलकत्ता, जिसके साथ सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक और बासु भट्टाचार्य जैसे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिनाम निर्देशक जुड़े थे। बाद में वे एक फिल्म फाइनेंसर और रियल एस्टेट कारोबारी बन गए। उन्होंने अपनी सलाह, मदद और संरक्षण के साथ फिल्मों और प्रदर्शन कला के कई उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित किया। वे कला और साहित्य के पारखी भी थे। व्यापार और उद्योग में उनके बहुमुखी योगदान के लिए, नाहटा को भारत के उपराष्ट्रपति और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया। बोथरा ने बताया हरखचंद नाहटा 1990 में अखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए जो जीवनपर्यन्त रहे।
