रेलवे : ताकि कोहरे में सुचारू रहे ट्रेनों का संचालन, बीकानेर मंडल ने की विशेष तैयारी, रेलवे बरत रहा है सतर्कता - Nidar India

रेलवे : ताकि कोहरे में सुचारू रहे ट्रेनों का संचालन, बीकानेर मंडल ने की विशेष तैयारी, रेलवे बरत रहा है सतर्कता

बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज।

सर्दी के मौसम में तापमान कम होने के कारण रेलवे लाइनें सिकुड़ने की आशंका रहती है। साथ ही घने कोहरे के कारण ट्रेनों का सफल संचालन करने के लिए खास बंदोबस्त रेलवे को करने पड़ रहे हैं। उत्तर-पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल पर  सर्दियों के मौसम में रेल संचालन को लेकर विशेष तैयारियॉं की गई  हैं। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक                  भूपेश यादव के अनुसार मंडल पर कुल 272 पैसेंजर ट्रेनों  और लगभग 126 गुड्स ट्रेनों में लोको पायलटों को फोग डिवाइस दी गई हैं  (बीकानेर मंडल की सभी ट्रेनें फोग डिवाइस के साथ संचालित की जा रही हैं) , जो कि कोहरे के समय लोको पायलट को  सिग्लन के सम्बंध में सही सूचना देती हैं । यह फोग डिवाइस यह सूचना देती है  कि अब आगे कौनसे प्रकार का सिग्नल आने वाला है।

यह डिवाइस लगभग 2000 मीटर से पहले ही लोको पायलट को आने वाले सिग्नल के बारे में सूचित करना शुरू कर देती है, इससे लोको पायलट अपनी गाड़ी की गति को नियंत्रित करते हुए आगामी सिग्नल को सुरक्षित पार करने के लिए तैयार रहता है।

इस प्रकार यह रेल संचालन में एक श्रेष्ठ डिवाइस साबित होगी। बीकानेर मंडल का रेवाड़ी से बठिंडा  रेलखंड और भठिंडा से सूरतगढ़ रेलखंड विशेष रूप से फोग से प्रभावित रहता है। फोग डिवाइस के अलावा  रेलपथ पर गुड्स वार्निंग बोर्ड की दक्षता बढ़ाने हेतु रेडियम की स्ट्रिप लगाई जाएगी एवं चूना पट्टी की व्यवस्था की जाएगी, ताकि लोको पायलट  आसानी से धुंध  की स्थिति समझ सके, ये बिटविन सेक्शन में लगाई जाती है।

इसके साथ ही रेल पथ पर रात्रिगश्त हेतु ट्रेकमेन्टेनर की ड्यूटी लगाई गयी है ,ताकि सर्दी में होने वाले रेललाइन फैक्चर की तुरंत सूचना मिल सके और खतरे की स्थिति को टाला जा सके इस के लिए ट्रैक मेंटेनर को  डेटोनेटर दिए गये  हैं, इन डेटोनेटर को ट्रैकमेंटेनर रेललाइन फैक्चर होने पर गाड़ी आने की दिशा में एक निश्चित दूरी पर रेललाइन पर फिट करता है, ताकि जब इंजन  के व्हील इस डेटोनेटर के ऊपर से गुजरते हैं, तो डेटोनेटर तेज आवाज के साथ फूटता है और लोको पायलट इस आवाज को सुनकर  गाड़ी की गति को नियंत्रित करते हुए खतरे के स्थान से पहले ही गाड़ी रोक देता है, प्रकार खतरे को टाला जाता है। इसके साथ ही लोको पायलट को  आने वाले स्टेशन के होम सिग्नल की सूचना देने के लिए प्रत्येक स्टेशन पर पॉइंट्समैन को डेटोनेटर दिए जाते हैं, जिन्हें पॉइंट्समैन होम सिग्नल से गाड़ी आने की दिशा में निश्चित दूरी पर रेल पटरी पर लगाता है, जिस पर जब इंजन के व्हील (पहिए) गुजरते हैं, तो  इंजन के भारी दबाव के कारण डेटोनेटर तेज आवाज के साथ फूटता है, इस तेज आवाज को सुनकर लोको पायलट समझ जाता है, कि आगे सिग्नल आने वाला है और अपनी  गाड़ी की गति को नियंत्रित करता है और सिग्नल को सुरक्षित पार करने के लिये तैयार रहता है। इस प्रकार बीकानेर मंडल सर्दियों में कोहरे से उत्पन्न या सर्दी के मौसम से उत्पन्न समस्याओं से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। गौरतलब है कि रेल मंडल यात्रियों की सुरक्षित यात्रा को लेकर सजग है।

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