रेलवे  : ताकि यात्रियों को मिले साफ-सुथरी चद्दरें, बीकानेर मंडल पर रोजाना 14 टन से भी ज्यादा बैडरोल की होती धुलाई - Nidar India

रेलवे  : ताकि यात्रियों को मिले साफ-सुथरी चद्दरें, बीकानेर मंडल पर रोजाना 14 टन से भी ज्यादा बैडरोल की होती धुलाई

बीकानेर,निडर इंडिया न्यूज। 

ट्रेन के एसी कोच में यात्रियों को साफ-सुथरी चद्दरें मिल सके इसके लिए मैकेनाइज्ड लॉड्री में रोजाना धुलाई के समय खास ध्यान रखा जा रहा है। भारतीय रेलवे का दावा है कि वो अपने यात्रियों को स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता के बेडरौल देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए रेलवे बोर्ड की ओर से स्पष्ट नीति निर्धारण की गई है।

बीकानेर मंडल पर यह व्यवस्था

वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक भूपेश यादव के अनुसार बीकानेर रेल मंडल पर संचालित होने वाली सभी ट्रेनों में वातानुकूलित श्रेणी के कोचों में साफ, स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले बेडरौल प्रदान किये जा रहे हैं। सभी चद्दरों और पिलो कवर को प्रत्येक उपयोग के बाद मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में धुलाई और प्रेस की जाती है ताकि यात्रियों को स्वच्छ बेडरॉल देकर उनकी  आरामदायक, हाईजीन और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके।

रोजाना 14 टन बैडरोल की धुलाई…

बीकानेर रेल मंडल पर बीकानेर, श्रीगंगानगर में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्रिंया स्थापित है। इनकी क्षमता में लगातार वृद्धि की जा रही है।  वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक 10 टन प्रतिदिन थी, जो कि वर्ष 2024 में (बढ़कर)1 जनवरी से 30 नवम्बर तक 14 टन प्रतिदिन होगयी है।  बीकानेर मण्डल  पर लॉन्ड्री में धुलाई की जाने वाले कपड़ों की क्षमता को 10 टन (20000 नग)प्रति दिन से बढ़ा कर 14  टन(28000 नग) प्रति दिन किया गया है, ऐसे में 40% की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2025 में 9 टन प्रतिदिन का लक्ष्य रखा गया है

गौरतलब है कि पूर्व में कंबलों की धुलाई 2010 में जहां 3 महीने में एक बार की जाती थी, उस अवधि को घटा कर 2010 से 2 महीने में एक बार तथा वर्तमान मे 30 दिन में एक बार किया गया है,जबकि  घरों में भी कंबल कभी-कभी ही धुलते हैं और ज्यादातर घरों में सिर्फ सर्दियों में धूप स्नान ही कराया जाता है। रेलवे की ओर से एसी कोच में प्रत्येक यात्री को 02 चादरें दी जाती है जिसमें से एक सीट पर बिछाने और दूसरी कंबल के कवर के रूप में इस्तेमाल के लिए दी जाती है। इसके अतिरिक्त एसी कोच का तापमान भी 24 के आसपास रखा जाता है ताकि कंबल की आवश्यकता ही ना पड़े और चादर ही पर्याप्त हो।

उत्तर पश्चिम रेलवे पर बेडरौल की अनुपलब्धता और गंदे या फटे बेडरौल की शिकायतों में निरंतर कमी आ रही है। पिछले वर्ष सिर्फ बीकानेर  लॉन्ड्री में 2023 में 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक कुल 247 शिकायतें प्राप्त हुई थी जो कि वर्ष  2024 में नवम्बर तक  घटकर मात्र 17 रह गयी हैं। यह वर्ष 2023 की अपेक्षा वर्ष 2024 में प्राप्त शिकायतों में 93% की कमी हुई है, जो की श्रेष्ठ यात्री सुविधा को इंगित करता है।

इनमें भी अधिकतर शिकायतें केवल बेड रोल उपलब्ध नहीं होने की रही जिन्हें कुछ विलंब से बेड रोल उपलब्ध कराया गया था।

इसके साथ ही चादरों और कंबलों को कुछ समय बाद बदला भी जाता है तथा नए लिनेन सेट की खरीद की जाती है। मैकेनाइज्ड लॉन्ड्रियो में भी सफाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पदार्थो का इस्तेमाल किया जाता है और सीसीटीवी एवं स्टाफ की ओर से निरंतर निगरानी रखी जाती है। धुले हुए कपड़ों की गुणवत्ता को चेक करने के लिए व्हाइटोमीटर का इस्तेमाल किया जाता है।

बीकानेर रेल मंडल पर रेल मदद पर प्राप्त बेड रोल सहित अन्य  शिकायतों की निगरानी के लिए वार रूम स्थापित किए गए हैं, जो यात्रियों की शिकायत और फीडबैक पर निरंतर 24 घंटे निगरानी करते हैं।

यात्रियों को दिया संदेश…

सीनियर डीसीएम के अनुसार रेलवे यात्रियों के सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के लिए कतिबद्ध है। यात्रियों से भी आग्रह है कि बेड रोल का उपयोग सावधानी से करें एवं इस पर खाना, गंदगी, पानी इत्यादि ना फैलाएं।

 

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