बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिशी के तहत इलाज में खर्च हुई राशि का क्लेम नहीं देने को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की सेवाओं में कमी माना है और इंश्योरेंस कंपनी को तुरंत क्लेम राशि का भुगतान करने के आदेश दिए हैं।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष नरसिंहदास व्यास और सदस्य पुखराज जोशी व मधुलिका आचार्य की ओर से दिए गए इस आदेश में आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को परिवादी पुनीत कुमार धानुका को उसकी पत्नी रितु धानुका के उपचार में खर्च हुए 6,50,000 रुपए राशि का भुगतान दिनांक 11 दिसंबर, 2023 से 9 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज के साथ करने, मानसिक संताप के 10,000 रुपए और परिवाद व्यय के 5,000 रुपए का भुगतान करने को आदेशित किया गया है।
ये है प्रकरण
11 दिसंबर, 2023 को आयोग के समक्ष पेश हुए इस प्रकरण के अनुसार परिवादी पुनीत कुमार धानुका ने आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अभिकर्ता के द्वारा स्वास्थ्य बीमा पॉलिशी करवाई थी, जिसकी अवधि 9 अगस्त, 2022 से 8 अगस्त, 2023 तक थी। इस पॉलिशी का प्रीमियम 1 लाख 13 हजार पचास रुपए परिवादी ने बीमा कंपनी को अदा कर दिए थे। बीमा कंपनी ने 31 जुलाई, 2022 पोलिशी का प्रमाण पत्र परिवादी को दे दिया था।
15 मार्च, 2023 को परिवादी की पत्नी रितु धानुका को शारीरिक तकलीफ हुई, जिस पर उसे अहमदाबाद स्थित केडी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीता ठाकरे को दिखाया गया। तब डॉ. ठाकरे ने उन्हें तुरंत ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। परिवादी ने चिकित्सक की सलाह मानते हुए 3 मई 2023 को के डी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां परिवादी की पत्नी का ऑपरेशन किया गया।
इस उपचार, जांचें और शल्य में कुल 6,50,000 रुपए का खर्च आया। जिसके बिल परिवादी ने बीमा कंपनी को भेज दिए थे। जिसका भुगतान बीमा कंपनी को सीधे अस्पताल को करना था, लेकिन बीमा कंपनी ने भुगतान नहीं किया और परिवादी से उसकी पत्नी रितु धानुका को बीमारी कब हुई, कब दिखाया आदि का रिकॉर्ड मांगा गया। 8 नवंबर, 2023 को बीमा कंपनी ने परिवादी का क्लेम खारिज करार कर दिया था।