बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।
पुत्र की दीर्घायु की कामना को लेकर आज महिलाओं ने बछ बारस का पर्व मनाया। गाय-बछड़े का पूजन किया। गाय को चुंनरी ओढ़ाई। बाजरी के आटे से बनाए पिंड और गुड़ खिलाया। घरों के आगे गोबर की पाळ बनाकर उसमें पूजन किया। घरों में आज महिलाओं ने बासी भोजन(ठंडा) किया। इसमें बाजरी और बेशन से बनी पूडियों का सेवन किया। परम्परा के अनुसार आज के दिन गाय का दूध, घी और दही का सेवन नहीं किया। भैंस का दूध, दही और घी का सेवन किया। कई महिलाओं ने बछ बारस का उद्यापन भी किया। इसमें चने से बने भैंस के घी से निर्मित सत्तू बहिन बेटियों के यहां भेजे। सुबह से ही गली-मोहल्लों में गाय पूजन की चहल पहल शुरू हो गई। कई स्थानों पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से एकत्रित होकर गाय का पूजन किया।
जैसलमेर : गाय का किया पूजन, निभाई परम्परा
प्रदेश में जैसलमेर शहर सहित जिले भर में बछ बारस के त्योहार को धूमधाम से मनाया गया। अल सुबह महिलाओं ने गाय व बछड़े की पूजा की। महिलाएं बाजरे की रोटी का सेवन किया। साथ ही भैंस का दूध-दही और अंकुरित धान का उपयोग किया। माताओ ने एकत्रित होकर बछ बारस की कथा की।
राजसमंद : गाय का किया पूजन
गाय और बछड़े की पूजा का पर्व वत्स द्वादशी आज मनाया गया। इसे बछ बारस भी कहा जाता है। मां और बेटे के वात्सल्य के इस पर्व पर आज राजसमन्द जिले में महिलाओं ने गाय और बछडे़ की पूजा की। अपने पुत्र के लिए सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की। इस अवसर पर महिलाओं ने पीत वस्त्र पहन कर पूजा-अर्चना की। बाद में महिलाओं ने अपने पुत्रों को शगुन के तौर पर तिलक लगाकर नारियल भेंट किया। गाय-बछडे़ की पूजा के दौरान अच्छी बारिश की कामना की गई। मान्यता के अनुसार चाकू से काटकर फल या सब्जी नहीं बनाती है। भोजन में भुने हुए चने-मूंग और मक्की की रोटी का सेवन करती है।
जोधपुर : उतारी गाय माता की आरती
जोधपुर में बछबारस का पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। महिलाओं ने गाय और बछड़े की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। महिलाओं ने कुमकुम और चावल से तिलक कर गाय और बछड़े की आरती उतारी। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की लंबी आयु होती है।
फोटो : एसएन जोशी।