बीकानेरNidarindia.com
शहर में इन दिनों गणगौर पूजन की धूम है। घरों में धींगा गणगौर का पूजन महिलाएं कर रही है। वहीं बारहमासा गणगौर के अनुष्ठान भी आज होंगे। बारहगुवाड़ में शुक्रवार रात से बाराहमासा गणगौर का मेला शुरू हुआ। यहां आलूजी छंगाणी परिवार की गवर का मेला बारह गुवाड़ चौक में लगता है।


ईश्वरदास छंगाणी के अनुसार यह मान्यता है कि इस गणगौर से मन्नत मांगने पर परिवार में सुख-सृमद्धि, वंश वृद्धि होती है। राधे शिव छंगाणी के अुनसार इस बार का श्रृंगार अपने आप में विशिष्ट खास है। पंकज आचार्य के अनुसार दो दिवसीय मेला शुक्रवार को शुरू हुआ, आज भी मेला लगेगा। महिलाएं मां को शृंगार सामग्री सहित उपहार अर्पित करेंगी। गणगौर प्रतिमाओं के आगे नृत्य कर परिवार सुख समृद्धि की कामना करेगी। शुक्रवार रात को चौक में गणगौर मेले को लेकर दर्शनार्थियों की भीड़ रही। वहीं शहर से बारहमासा गणगौर को जूनागढ़ में खोळ भराई के लिए ले जाने की रस्म भी निभाई जाएगी।
फिजाओं में गूंज रहे गीत…

शहर की फिजाओं में गणगौर गीतों की स्वर लहरियां गूंज रही है। ख्यातिनाम पुरुष गायक मंड़लियां घरों में जाकर माता गवरजा के गुणगान कर रहे हैं। शुक्रवार रात को डागा चौक में गणगौर गीतों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जुगल किशोर ओझा(पुजारी बाबा) की गायन मंड़ली ने गणगौर गीतों की प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।
कार्यक्रम में शंकर लाल ओझा, राजेंद्र ओझा, कैलाश पुरोहित, नारायण ओझा , कैलाश रंगा, लक्ष्मीनारायण जोशी, सूर्या महाराज पुरोहित, राजू जोशी सहित कलाकारों ने गणगौर के पारम्परिक गीतों से समां बांध दिया। नगाड़ों पर कन्हैयालाल ने संगत की। इस दौरान प्रहलाद रंगा, न्यायिक कर्मचारी नेता गिरीराज बिस्सा, पंडि़त सन्ना महाराज, सुरेश रंगा, पंडि़त अशोक रंगा सहित गणमान्य लोगों ने कलाकारों का माला पहनाकर अभिनंदन किया।

