बीकानेरNidarindia.com
जस्सूसर गेट बाहर, एममए ग्राउण्ड के समीप स्थित श्रीराम मंदिर परिवार की और से बुधवार को पुष्करणा सावे में परिणय सूत्र में बंध रही 109 कन्याओं को आलमारी के रूप में उपहार प्रदान किया गया।
इस मौके पर परिवार की ओर से महिलाओं ने कार्यक्रम में शामिल हुए कन्याओं के माथे पर तिलक किया, पुष्प माला पहनाकर उनका पूजन अभिनंदन किया। इस अवसर पर अतिथि के रूप में शामिल हुए पंडि़त रामेश्वरानंद महाराज ने श्रीराम मंदिर परिवार के इस कदम की सराहना की। साथ ही उन्होंने कन्याओं से भारतीय, खासकर राजस्थानी संस्कृति को हमेशा अपनाने की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि यह बीकानेर ही है जहां इस तरह के भामाशाह है।
जो सेवा के कार्य में लगातार जुटे हैं।
हर बार कुछ करने के लिए तत्पर रहते हैं। रामेश्वरानंद महाराज ने पुष्करणा समाज से आह्वान किया कि वे अपने परिवार में पुष्करणा समाज के इस सामूहिक विवाह समारोह में भी अधिक से अधिक भागीदारी निभाएं। खासकर जो तिथि विद्धान पंडि़तों ने निर्धारित की है, उसी दिन पुष्करणा समाज का एक तरह से यह महाकुंभ होता है, इसी दिन समजा के सभी लोगों को अपने पुत्र-पुत्रियों का विवाह करना चाहिए।
ताकि इस सावे की गरिमा को चार चांद लग जाए। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। ताकि वे समाज को एक दिशा में ढाल सके। महाराज ने कहा कि पुष्करणा समाज का यह दो साल से आने वाला सावा अपने आप में प्राचीन संस्कृति का धोतक है। ऐसी पावन संस्कृति बीकानेर में ही देखने को मिलेगी और कहीं नहीं मिलेगी। उन्होंने विवाह में गणेश परिक्रम का खास महत्व बताते हुए उस पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में शामिल हुए पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि श्रीराम मंदिर परिवार के सदस्य धन्यवाद के पात्र है, जो इस तरह के समाजिक सरोकार के कार्य के लिए हमेशा ही तत्पर रहते हैं। आज मंदिर परिसर सरीखे पवित्र स्थान पर एक साथ इतनी कन्याओं को उपहार भेंट कर सराहनीय कार्य किया है।
कर्मचारी नेता महेश व्यास भी मौजूद रहे। आयोजन से जुड़े पवन और नरेश पुरोहित ने बताया कि दिवंगत पिताजी पन्नालाल पुरोहित ने जो परम्परा शुरू की थी, उसको आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। गौरतलब है कि पन्नालाल पुरोहित 1990 में इस राम मंदिर की स्थापना कराई उसके बाद से ही हर बार पुष्करणा सावे में इस तरह के सेवा कार्य से जुड़े है।