बीकानेर/जयपुर
विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने तीन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता हासिल की है। लेकिन चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी राजस्थान में जहां मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। वहीं छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने आदिवासी समुदाय के विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया है।
साथ ही अरुण साव और विजय शर्मा को डिप्टी सीएम, वहीं रमन सिंह स्पीकर बनेंगे। जाने कौन है विष्णुदेव साय? विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी इलाके के कांसाबेल से लगे बगिया गांव के रहने वाले मूलत किसान हैं। राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी सबसे अधिक है और वे इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी गिनती रमन सिंह के करीबी लोगों में होती है। वर्ष 1989 में अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले विष्णुदेव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे।
इसके बाद 1999 में वे 13 वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। फिर बाद 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर से सांसद बने। इसके बाद 2014 में 16 वीं लोकसभा के लिए वे रायगढ़ से सांसद बने। इस बार केंद्र में मोदी की सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगारमंत्रालय बनाया।
वे 27 मई 2014 से 2019 तक इस पद पर रहे। पार्टी ने 2 दिसंबर 2022 को उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया। इसके बाद विष्णुदेव साय 8 जुलाई 2023 को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया। विष्णुदेव साय 2020 में भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। संघ के करीब नेताओं में उनकी गिनती होती है। विष्णुदेव साय की इसी मजबूत प्रोफाइल की वजह से उन्हें पार्टी ने सबसे बड़ा पद दिया है। मध्यप्रदेश में कल विधायक दल की बैठक होगी।
राजस्थान पर सभी की निगाहे…
राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस जारी है। देश के अन्य राज्यों की निगाहे भी राजस्थान पर टिकी है। वहीं पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं में भी उत्सुकता बनी हुई है। सभी तरह से कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी पिक्चर पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि यह सीएम का ताज किसको मिलेगा। दौड़ में कई वरिष्ठ नेता आ रहे है।
खासतौर पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिद्धिया के निवास पर आज भी कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों का आना-जाना लगा रहा। इस बीच वसुंधरा राजे दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात कर वापस भी आ गई। गौरतलब है कि इस बार राजस्थान में बीजेपी ने इसबार किसी चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा, इसमें वसुंधरा राजे या अन्य किसी नेता के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा। अब मुख्यमंत्री को लेकर रणनीति चल रही है।