रोडवेज : सरकार की नीतियों का फूंका पुतला, मांगे नहीं मानी तो पांच सितंबर को कर देंगे चक्काजाम - Nidar India

रोडवेज : सरकार की नीतियों का फूंका पुतला, मांगे नहीं मानी तो पांच सितंबर को कर देंगे चक्काजाम

आंदोलन का आठवां चरण…

बीकानेरNidarindia.com ‘हमे हमारा हक चाहिए, एकता ही हमारी ताकत है। कर्मचारी एकता जिन्दाबाद। सरीखे नारे लगात हुए शुक्रवार को कर्मचारियों ने केन्द्रीय बस स्टैण्ड विरोध प्रदर्शन किया। अवसर था रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन के आठवें चरण का। विरोध में की कड़ी में रोडवेज के संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में सरकार की नीतियों का पुतला फूंका गया। आक्रोशित कर्मचारियों ने नारेबाजी के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

समय पर वेतन, पेंशन नहीं, परिलाभ नहीं मिल रहे है।  कर्मचारियों ने  रोष जताते हुए कहा कि सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रही। कर्मचारी बीते दो माह से लगातार आंदोलनरत है। इसी कड़ी में आज पुतला फूंककर विरोध जताया है। मांगे नहीं मानी गई तो पांच सितंबर को हड़ताल तय है। प्रदर्शन में शामिल एटक के मदनगोपाल ने कहा कि सरकार हमारे आंदोलन को अभी गंभीरता से नहीं ले रही है। ऐसे में आंदोलन का स्वरूप बड़ा करना पड़ेगा। इस क्रम में पांच सितंबर को चक् काजाम हउ़ताल की चेतावनी दे रखी है।


मोर्चे के संयोजक श्यामदीन ने कहा कि लगातार प्रदर्शन के क्रम ही “सरकार व रोडवेज की करमचारियों के विरोधी नीतियों का पुतला दहन कर सरकार के समक्ष अपना आक्रोश प्रदर्शन किया है। मोर्चे के नेता गिरधारीलाल ने बताया कि सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं होने पर 9वें चरण में राजस्थान रोडवेज की सभी इकाइयों पर दो दिन-रात के धरने लगाए जाएंगे। दसवें व अंतिम चरण में 04सितंबर को मध्य रात्रि 12.00बजे अर्थात 05सितंबर को मध्य रात्रि 12.00बजे तक एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी रोडवेज व राजस्थान सरकार की होगी।

पुतला दहन प्रदर्शन में मदनगोपाल, एस.एन.किराड़ूू, रोशन अली,रामेश्वर खीचड़, देवीलाल नाई, राम कुम्हार, हनुमंत मेहरा,देवीप्रकाश, ओम पुरोहित इत्यादि यूनियनों के नेतागण शामिल हुए।

रोडवज के हित की ही बात
कर्मचारियों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि जो मांगे हमने उठाई है। उसमें मुख्य तौर पर रोडवेज का ही फायदा होना है। इसमें 2500 नई बसें यदि रोडवेज को मिलती है, तो यात्री भार भी बढ़ेगा। लेकिन सरकार इस पर कोई सुनवाई नहीं कर रही है। प्रदेशभर के आगारों में 3219 बसें है, इसमें से 800 तो अंनुबंधित ही है। शेष जो बचती है, उनमें भी 1500 बसें कंडम हो चुकी है, लेकिन उनको काम लिया जा रहा है। इसके अलावा कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलता, पेंशन के लिए भी निर्धारित तिथि मय नहीं है। सेवानिवृ हो चुके कई कार्मिकों को अब तक परिलाभ नहीं मिला है।


सीएम निवास पर वार्ता
रोडवेज के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को ही मुख्य मंत्री अशोक गहलोत उनके निवास पर मुलाकात की। अपनी मांगों को लेकर वार्ता भी हुई। इसमें संयुक्त मेार्चा, जयपुर के संयोजक एम.एल.यादव ने बताया कि प्रतिनिधियों के अलावा परिवहन एवं सडक सुरक्षा राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला, प्रमुख परिवहन सचिव एवं रोडवेज अध्यक्ष आनन्द कुमार, रोडवेज प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल आदि मौजूद रहे।

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