बीकानेरNidarindia.com आने वाले समय में बीकानेर रेलवे स्टेशन की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। महानगरों की तर्ज पर ही यहां सुविधाओं का विस्तार होगा। रेलवे स्टेशन की कायापलट के लिए पीएम मोदी ने शनिवार को 450 करोड़ की योजना दी है।

इस राशि से बीकानेर स्टेशन के पुर्नविकास किया जाएगा। जहां पर एयरपोर्ट सरीखी सुविधाएं मुहैया होगी। कुछ खूबसूरत काल्पनिक डिजाइन भी डीआरएम से लेकर केन्द्रीय मंत्री तक ने जारी किए हैं जिसमें स्टेशन के दोनों और भीड़ भरी सडक़ों की बजाय शांत-सुंदर, हरा-भरा क्षेत्र बताया गया है। रेलवे लाइन के ऊपर पुल जैसी आकृति में सुविधाएं विकसित की गई है। चार फ्लोर से अधिक ऊंचाई दिख रही है। अब यह स्टेशन बड़ा और नया होगा। भविष्य की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की तैयारी की गई है। इसी क्रम में बीकानेर स्टेशन को आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ‘अमृत भारत स्टेशन’ के तहत पुनर्विकसित किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय कला, हैरिटेज और आधुनिकता का समावेश किया जाएगा।
बनेगा नौ मंजिला भवन…
स्टेशन पर भूतल व 9 मंजिला बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 3 मंजिल पर यात्री सुविधाएं विकसित की जाएगी। अन्य मंजिलों को वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए उपयोग में लिया जाएगा। स्टेशन को शहर के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने का प्रावधान है, ताकि यहां आने वाले पर्यटक और स्थानीय नागरिकों को विशेष अनुभूति मिल सके।

यहां मिलेगी सुविधाएं…
-3 मंजिल पर यात्री सुविधाएं जिनमें आगमन प्रस्थान लॉबी, वेटिंग रूम, टिकट काउंटर, रिटायरिंग रूम, फुड कोर्ट, कैफेटिरिया, माड्यूलर टॉयलेट व दिव्यांगजन सुविधाओं का प्रावधान
इनते वर्ग मीटर तक क्षेत्र…
बिल्डिंग निर्माण क्षेत्र – 46000 वर्ग मीटर
सर्कुलेटिंग एरिया व पार्किंग – 47000 वर्ग मीटर
वाणिज्यिक गतिविधि क्षेत्र – 24000 वर्ग मीटर
38 लिफ्ट और 24 एस्केलेटर तथा प्लेटफॉर्म शेल्टर
-स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को वर्ल्ड -क्लास सुविधाओं की अनुभूति
-क्षेत्र के हैरिटेज और आधुनिकता का समावेश
-पुनर्विकास से यात्राएं सुगम होंगी, रेल परिवहन सरल होगा
-रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
-स्टेशन को शहर के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे पर्यटक और स्थानीय नागरिकों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा
चूरू-रतनगढ़ रेलखण्ड का दोहरीकरण
राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और विलक्षण स्थापत्य के साथ धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चूरू-रतनगढ़ के मध्य 43 किमी की लाइन का दोहरीकरण होने के बाद यह रेलमार्ग, राजस्थान, हरियाणा व अन्य उत्तर भारतीय राज्यों के साथ तीव्र रेल संचालन वाला महत्वपूर्ण रेल मार्ग बन जाएगा। दोहरीकरण के कार्य से इस क्षेत्र में व्यापारिक व सामाजिक सम्बन्ध प्रगाढ़ होगे।

