पल्स पोलियो अभियान : पहले दिन 2 लाख 98 हजार 662 बच्चों ने गटकी दो बूंद जिंदगी की - Nidar India

पल्स पोलियो अभियान : पहले दिन 2 लाख 98 हजार 662 बच्चों ने गटकी दो बूंद जिंदगी की

बीकानेर. पल्स पोलियो अभियान के पहले दिन रविवार को जिले के विभिन्न बूथों पर 2 लाख 98 हजार 662 बच्चों ने पोलियो की दवाई गटकी।

इस प्रकार पहले दिन लगभग 70 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पवार ने बताया कि रविवार और सोमवार को घर-घर विजिट करते हुए शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की जाएगी।

अभियान का जिला स्तरीय उद्घाटन एसडीएम जिला अस्पताल पोलियो बूथ पर जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल द्वारा बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मोहम्मद अबरार पंवार, अभियान के नोडल अधिकारी आरसीएचओ डॉ.राजेश कुमार गुप्ता, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ.अनुरोध तिवारी, डॉ.गौरव शर्मा ने भी बच्चों को पोलियो खुराक पिलाई मौके पर नर्सिंग अधिकारी अमित वशिष्ठ, महिपाल सिंह, निर्मल व्यास आदि मौजूद रहे।

शहर से लेकर गांव तक जिला व खंड स्तरीय अधिकारियों तथा डिपो प्रभारियों ने अभियान की प्रभावी मॉनिटरिंग कर गुणवत्ता सुनिश्चित की। डॉ.अबरार ने यूपीएचसी नंबर 1, यूपीएचसी नंबर 4, यूपीएचसी नंबर 7 व फोर्ट डिस्पेंसरी में पोलियो बूथ का निरीक्षण किया गया जबकि डॉ राजेश कुमार गुप्ता व यूएनडीपी के योगेश शर्मा ने सेटेलाइट गंगाशहर, यूपीएचसी न 1 व 7, गोपेश्वर मंदिर, बाफना स्कूल, रेलवे स्टेशन और कच्ची बस्तियों झुग्गी झोपडय़िों में पिलाई जा रही पोलियो खुराक की मॉनिटरिंग की गई।

सीएमएचओ डॉ अबरार ने बताया कि 1579 बूथों, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर ट्रांजिट बूथ तथा कच्ची बस्तियों पर मोबाइल टीम की सहायता से ये कोशिश की गई कि एक भी बच्चा पोलियो की खुराक से वंचित न रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार अभियान का जोश अलग ही रहा। औद्योगिक क्षेत्रों, ईंट भट्टों व ढाणियों के मजदूर परिवारों व निर्माण साइटों पर भी अधिकाधिक बच्चों को ढूंढ-ढूंढ कर प्रतिरक्षित किया गया।

अब घर-घर पिलाएंगे ओपीवी
आरसीएचओ डॉ.राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पोलियो बूथ पर कार्यरत चार सदस्यीय दल 26 व 27 जून को दो टीमों में विभक्त होकर सम्पूर्ण जिले में घर-घर जाकर बूथ पर दवा पीने से वंचित रह गये बच्चों को ढुंढते हुये पोलियो के विरूद्ध प्रतिरक्षण का कार्य करेगें। घरों में विजिट के दौरान बच्चों की उपस्थिति, अनुपस्थिति एवं पोलियो वेक्सीन पीने के आधार पर घरों पर मार्किंग करेगें। जब तक शत प्रतिशत बच्चे प्रतिरक्षित ना हो जाएं अभियान जारी रहेगा।

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