

बीकानेरNidarindia.com भारतीय जनता पार्टी की ओर से रविवार को रविन्द्र रंगमंच पर प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों की बदौलत आज भारत हर क्षेत्र में उन्नति कर रहा है।
आज भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वहीं 2027 में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। पूनिया ने कहा कि 2047 तक भारत दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था में शुमार हो रहा है। पूनिया ने रक्षा,वित्त,विदेश नीति, उज्जवला योजना सहित अन्य योजनाओं को विस्तार से बताया।
पूनिया ने प्रबुद्धजनों के साथ संवाद किया। एक-एक करके मोदी सरकार की उपलब्धियां बताई। इस अवसर पर डॉ.पूनिया ने आपातकाल में लोकतंत्र सेनानियों के योगदान का स्मरण किया। प्रदेश मंत्री श्रवण सिंह बगड़ी ने मोदी सरकार की ओर से भारत के आर्थिक सामरिक और गरीबों के उत्थान के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालाा। बगड़ी ने कांग्रेस शासन में हुए भष्टाचार को जनता के सामने रखा।
उन्होने प्रबुद्धजनों से मोदी सरकार की उपलब्धियों को आमजन तक पहुंचने की अपील की। कार्यक्रम के संयोजक डॉ.सुरेंद्रसिंह शेखावत ने मोदी सरकार के नौ साल कराए गए विकास कार्यों को बताया, 2014 से 2023 के बीच प्रत्येक क्षेत्र में हुई प्रगति का विगत बार ब्यौरा दिया। शेखावत ने कहा कि मोदी केबिनेट में बीकानेर को प्रतिनिधित्व देना बीकानेर के लिए बड़ी उपलब्धि है। शेखावत ने आपातकाल की बरसी पर लोकतंत्र सेनानियों को स्मरण किया।
यह रहे मौजूद…
प्रबुद्धजन प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सुधीर केवलिया ने आपात काल के विषय पर विस्तार से बात रखी। स्वागत भाषण जिला अध्यक्ष विजय आचार्य ने दिया। देहात महामंत्री कुंभाराम सिद्ध ने आभार जताया। इस अवसर पर विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, पूर्व विधायक विश्वनाथ मेघवाल, महापौर सुशीला कंवर, शहर प्रभारी डॉ.दशरथसिंह शेखावत, देहात प्रभारी ओम सारस्वत, पूर्व जिलाध्यक्ष रामगोपाल सुथार, ताराचंद सारस्वत, मुमताज अली भाटी के अलावा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिहारी सिंह राठौड़ मौजूद रहे।
सेनानियों का हुआ सम्मान…
आपातकाल के दौरान पुलिस प्रताडऩा का शिकार हुए लगभग एक दर्जन लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान किया गया। डॉ.सतीश पूनिया ने उन्हे माला पहनाकर सम्मान दिया।
