जयपुरNidarIndia.com विधानसभा चुनाव में महज दस माह शेष है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी इस बार मार्च-अप्रेल में ही टिकटों को लेकर मशक्कत शुरू कर सकती है।


पार्टी के सूत्रों की माने तो इस बार टिकट देने के लिए पार्टी अपनी प्रक्रिया भी बदल सकती है, जरूरी नहीं है कि हर बार की तरह इस बार भी पैटर्न वो ही रहे। बदलाव तय माना जा रहा है, यही वजह है कि जिन नेताओं का जनाधारा कमजोर रहेगा, उनकी टिकट पर तलवार लटक सकती है।
यही नहीं पार्टी सर्वे भी कराने की योजना बना रही है। ताकि पता चल सके कि कौन मंत्री, विधायक फिर से जीत नहीं रहा। ऐसे मंत्रियों और विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। इसके लिए सर्वे को ही आधार बनाया जाएगा।
कांग्रसे पार्टी इसके लिए जल्द ही सर्वे के कार्य को मूर्त रूप देने वाली है। पार्टी यह कार्य सभी दो सौ सीटों पर कराएगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का मानना है कि सर्वे के आधार पर टिकट का निर्णय किया जाएगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने बीते दिनों ही अपनी पार्टी के नेताओं से दो दिन तक अलग-अलग फीडबैक लिया था। वर्तमान राज्य सरकार छह बसपा और १३ स्वतंत्र प्रत्याशियों के समर्थन पर टिकी हुई है। इस स्थिति में इनको इस बार टिकट की उम्मीद भी है।


