बीकानेरNidarIndia.com ‘एक दंत दयावंत चार भुजाधारी, लड्डुअन को भोग लगे, मूसे की सवारी, जय गणेश-जय गणेश…बुधवार को अल सुबह से ही घरों से लेकर मंदिरों तक बुद्धि के दाता गणेश भगवान के जयकारों की गूंज रही। अवसर था गणेश चतुर्थी का। सिद्ध के दाता विनायक के जन्मोत्सव पर पूरा शहर भक्तिमय हो गया। गणेश मंदिरों में जहां सुबह से दर्शनार्थियों की कतारें रही।
वहीं दोपहर के समय घरों के मुख्य प्रवेश के ऊपर विराजमान गणेशजी का पूजन किया गया। शृंगार के बाद मोदक को भोग लगाया। वंदन-स्तुति के बाद आरती की गई। वहीं मंदिरों में अल सुबह पंचामृत स्नान कराया गया, इसके बाद शृंगार किया गया। दर्शनार्थियों को मोदक, बूंदी के प्रसाद वितरित किया गया। कई मंदिरों में चांदी निर्मित वर्क से गणेशजी की प्रतिमा का शृंगार किया गया।
यहां रही दर्शनार्थियों की भीड़…
गणेश चतुर्थी के मौके पर नत्थूसर गेट बाहर स्थित बड़ा गणेश मंदिर, इक्किसिया गणेशजी, भालचंद्र गणेश, जूनागढ़ स्थित गणेश मंदिर, कोटगेट सट्टा बाजार में प्राचीन मंदिर, दाऊजी मंदिर रोड स्थित आदि गणेश मंदिर, उदयरामसर गणेश धोरा मंदिर, कान गणेश सहित मंदिरों में अल सुबह पंचामृत स्नान के बाद गणेशजी का पूजन किया गया। विनायक को मोदक, बूंदी, पेड़ा, नारियल, चूरमा का भोग लगाया गया। वहीं मंदिरों में पुष्प मालाओं, गुब्बारों से सजावट की गई। जूनागढ़ गणेश मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा, इसके चलते मुख्य सड़क पर लंबी कतारें शाम तक रही।
गणेश प्रतिमाएं लाए घर…
घरों में बुधवार से ही गणेशजी भगवान को स्थापित किया गया। अब अनंत चतुर्दशी, तक रोजाना गणेशजी का पूजन किया गया। रोजाना अलग-अलग शृंगार होगा। अंतिम दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। घरों के अलावा कई गली-मोहल्लों में भी गणेश उत्सव शुरू हुए।
रही प्रतिमाओं की बिक्री…
पर्व को देखते हुए जूनागढ़ के आगे फुटपाथ पर मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं की बिक्री के लिए सजी अस्थायी दुकानों पर भी भीड़ रही। पाली मूल के कलाकार बीकानेर में रहकर मिट्टी से अलग-अलग आकार की गणेश प्रतिमाएं तैयार करते हैं, फिर उन्हें पर्व के दिन बेचते हैं। प्रतिमा विक्रेता लक्ष्मण ने बताया कि वे बीते लंबे अर्से से बीकानेर में ही रहकर यह प्रतिमाएं बना रहे हंैं, यहां पर सौ रुपए से पांच हजार रुपए तक की प्रतिमाएं है। इस बार गणेश चतुर्थी को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है।