

उत्तराखंड डेस्कNidarindia.com उत्तराखंड में इन दिनों श्रद्धालुओं की रेलमपेल है। लाखों लोग हरिद्वार, ऋषिकेश पहुंच रहे हैं, वहां से आगे चारधाम यात्रा के दर्शनार्थ जा रहे हैं।
दो साल कोरोना काल के बाद यात्रा खुलते ही श्रद्धालुओं का सैलाब सा आ गया है। अनुमानित आंकड़ों के अनुसार फिलहाल एक माह में करीब १२ से १४ लाख दर्शनार्थी धोक लगा चुके हैं। मई माह में शुरू हुई चारधाम यात्रा अक्टूबर तक चलती है।माना जा रहा है कि इस बार चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या का रिकॉर्ड बन रहा है।
यहां पहुंचते है श्रद्धालु…
चारधाम यात्रा यमनोत्री से शुरू होती है। इसके बाद गंगोत्री, केदारनाथ और फिर अंतिम पड़ाव में बद्रीनाथ के दर्शन श्रद्धालु करते हैं। चारधाम पहुंचने के लिए देशभर से लोग अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार वाहनों से जाते हैं। कई शहरों से तीर्थयात्रा बसों का संचालन होता है। बताया जा रहा है कि इस बार कैदारनाथ घाटी में भी जाम की स्थिति बन गई है, वहीं बद्रीनाथ के रास्ते में मुख्य मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें है। बारिश, तेज हवा होने के बाद भी श्रद्धालुओं का जज्बा कम नहीं है। वहीं दूसरी ओर ठहरने के लिए होटलें, धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस आदि भी बुक है। इसके चलते परेशानी उठानी पड़ रही है।
ऋषिकेश से होती है शुरू
चारधाम यात्रा के लिए लोग ऋषिकेश से जाते हैं। जहां से रोजाना सैकड़ों की तादाद में बसें व अन्य वाहनों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। गौरतबल है कि कोरोना के चलते इन तीर्थ स्थलों पर रोजी-रोटी कमाने वालों पर संकट छा गया था। लेकिन अब यात्रा शुरू होने से इनके चहरे खिल उठे हैं। पूर्व में जो अपने गांव-घर छोड़कर निकले थे, वो भी लौट रहे हैं।
हुए है ऑन लाइन ठगी के शिकार
चारधाम यात्रा के दौरान लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। महंगाई की मार भी झेलनी पड़ रही है। तो कई लोग साइबर क्राइम का शिकार भी हो रहे हैं। कोलकाता से व्यवसायी नारायण व्यास अपने परिजनों, मित्रों के साथ करीब एक दर्जन से ज्यादा सदस्यों का दल चारधाम यात्रा पर गया था, इस दौरान केदानाथ में हेलिकॉप्टर की बुकिंग ऑनलाइन कराई थी, लेकिन किसी ने इन श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी की और बुकिंग के दौरान ५६ हजार रुपए से भी ज्यादा की ठगी कर ली।। इससे इन यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। नामचीन कंपनी के नाम से एकाउंट होने के कारण यात्रियों ने ऑन लाइन पैसे जमा करवा दिए, लेकिन हेलिकॉप्टर की बुकिंग तो हुई ही नहीं। कइयों के साथ ऐसे कड़वे अनुभव भी रहे।
