आरटीई के तहत प्रदेश में ऐसे स्कूल भी बच्चों को प्रवेश के लिए आवंटित कर दिए गए हैं, जहां ताला लटका है। अभिभावक जब यहां बच्चों का प्रवेश कराने गए तो खुलासा हुआ। स्कूल बंद होने की स्थिति में विभाग ने इन्हें विकल्प देने से भी इनकार कर दिया है। आरटीई के तहत अभी पहले चरण के प्रवेश भी पूरे नहीं हो पाए हैं। दाखिला सुनिश्चित कराने के लिए हर स्कूल में एक एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (शिक्षक) तैनात किया गया है। सभी एसीएम को प्रवेश के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया है। लेकिन तब भी गरीब छात्रों को न तो प्रवेश मिल रहा और न सुनवाई हो रही है। करीब 150 स्कूल ऐसे है, जो आरटीई के बच्चों प्रवेश के लिए आबंटित किए गए। कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां ताला बंद हो चुके हैं तो कई स्कूल हैं जो कुछ न कुछ बहाना बनाकर प्रवेश लेने से इंकार कर रहे।
बंद हो चुका स्कूल, 20 छात्रों का प्रवेश अटका
कानपुर में 20 छात्रों को ऐसा स्कूल आबंटित कर दिया गया, जो बंद हो चुका है। बच्चे जब स्कूल प्रवेश लेने पहुंचे तो स्कूल खोजते रहे मिला ही नहीं। बाद में पता चला कि स्कूल ही बंद हो गया। छात्रा तबस्सुम ने बताया कि काफी समय बाद पता चला कि इसी नाम से एक स्कूल दूसरी जगह खुल गया। लेकिन यहां बच्चों के अलग से आवंटन हुए हैं। अब तबस्सुम भटकने को मजबूर है। इसी तरह प्रदेश से कई शिकायतें है जहां अभिभावक स्कूल तलाश रहे, लेकिन मिल नहीं रहे।