राजस्थान मिशन मेें किसानों ने रखे सुझाव

बीकानेरNidarindia.com इंदिरा गांधी नहर परियोजना के बीकानेर खंड में सिंचाई पानी की आपूर्ति कराने के लिए बनाए गए खाळे जर्जर हो चुके हैं। इस कारण किसान के खेत तक पूरा पानी नहीं पहुंच रहा। इसका असर फसलों पर पड़ रहा है। यह दर्द किसानों ने नहर अभियंताओं के सामने राजस्थान मिशन में के दौरान हुए संवाद में बयां किया है। बीकानेर खंड में 4 हजार छोटे खाळे(वाटर कोर्स) है। लेकिन रख-रखाव के अभाव में वो जर्जर हो चुके हैं।
बीते करीब 60-70 साल में इनकी मरम्मत ही नहीं हुई। इस कारण अब पानी का रिसाव बढ़ता जा रहा है। किसानें ने कहा कि यह खाळे पूरी तरह से जर्जर हो चुके है। सरकार ने एक अर्से से इसकी सुध नहीं ली। काश्तकार ही अपने स्तर पर संचालित करते हैं, लेकिन उनके पास किसी तरह का बजट नहीं होने के कारण इनकी मरम्मत संभव नहीं है। सरकार नहर की मरम्मत के लिए हर साल बजट देती है। नहर की मरम्मत होती भी हैं, परन्तु सिंचाई के लिए अहम माने जाने वाले इन खाळों की सुध नहीं ली जा रही है। किसानों ने इनकी मरम्मत कराने का सुझाव पूरजोर ढंग से अधिकारियों के सामने रखा।

यह भी रखें सुझाव…
बीते दिनों आईजीएनपी बीकानेर के सभागार में हुए इस संवाद में जिले 59 काश्तकार शामिल हुए। किसानों ने अभियंताओं के सामने बेबाकी के साथ खाळों की मरम्मत करने, लिफ्ट पर सोलर प्लांट लगाने, जल उपयोगिता संगम को मजबूत करने सहित कई सुझाव रखें। इसके बाद आईजीएनपी विभाग ने सभी सुझावों को राजस्थान मिशन.2030 पोर्टल पर अपड़ेट कर दिया।
यह हुए शामिल
सुझाव संवाद में अतिरिक्त मुख्य अभियंता राकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता सुनिल कटारिया, विवेक गोयल के साथ फलौदी, बीकानेर सर्किन के अभियंता शामिल हुए। राजस्थान मिशन-2030 को लेकर आज फलौदी और जैसलमेर में अपने-अपने वृत्त की बैठक चल रही है। इसमें किसानों से सुझाव लिए जा रहे है।

