बीकानेरNidarindia.com अजमेर जिले के पीसांगन गांव में अपने घर से नाराज होकर निकली एक नाबालिग बालिका रोडवेज बस में बैठकर बीकानेर पहुंच गई। यहां पर केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर कार्यरत बुकिंग कर्मचारी सुमन कंवर ने देखा कि बालिका बस स्टैण्ड पर इधर-उधर घूम रही है।

इसके बाद उससे पूछताछ की तो एक बारगी तो उसने कहा वो काम के लिए यहां आई है। फिर दोबारा पूछने पर बालिका ने बताया कि उसका नाम तमन्ना कुमावत है। वह पीसांगन अजमेर की रहने वाली है। घर से डर कर वह गांव आई और वहां से अजमेर आ गई। बालिका ने बताया कि बस में एक व्यक्ति उसे काम दिलाने के बहाने जयपुर ले गया, लेकिन वो रोने लगी तो वह वापस अजमेर ले गया।
जहां से बीकानेर की बस में बिठा दिया। थोड़ी देर में वो खुद लघुशंका का बहना बनाकर कहीं उतर गया। इस तरह से वह बीकानेर बस स्टैण्ड पहुंच गई। बालिका की बात सुनकर रोडवेज कार्मिक सुमन कंवर उसे मुख्य प्रबंधक के पास ले गई। फिर पुलिस चौकी में इसकी सूचना दी। पुलिस ने उसके परिजनों की जानकारी जुटाकर उन्हें बीकानेर बुलाया, जब उसके पिता महेन्द्र कुमावत बीकानेर आए तो उन्हें नाबालिग को सुपुर्द कर दिया। रोडवेज के कर्मचारियों ने अपने स्टाफ की सूझबूझ और सतर्कता की सराहना सराहना करते हुए प्रसन्नता जताई।


