मुम्बई मनोरंजन डेस्कNidarIndia.com कहते है प्रतिभाएं किसी की मोहताज नहीं होती, बस समय आने पर वो दुनिया के सामने अपने हुनर से पहचान कायम करती है। इसके पीछे होती है उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ आत्मविश्वास और एक जुनून।
एक ऐसी ही शख्सियत का परिचय आज पाठकों को कराने जा रहे हैं, जिन्होंने बहुत कम समय में ही अपने काम के दम पर पहचान कायम की है। ऐसे युवा, उभरते सितारे है ‘करण भानूशाली’ करण अभिनय, लेखन और निर्देशन सरीखे क्षेत्र में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के दम सिने जगत में अपनी सीढिय़ां चढ़ रहे हैं। निडर इंडिया के सम्पादक रमेश बिस्सा ने दूरभाष पर करण से बातचीत की।
करण ने बताया कि महज 10 साल की उम्र में ही वो रंगमंच से जुड़ गए थे, यही वजह है कि अभिनय की प्रतिभा उनमें जबर्दस्त है। मराठी-हिन्दी फिल्म और धारावाहिकों में अभिनय के बाद अब 26 वर्षीय करण लेखन में अपना भाग्य आजमा रहे है। करण भानूशाली वर्तमान में ‘वागले की दुनिया’ के कई ऐपिसोड लिख चुके हैं।
गुजराती फिल्म में महानायक ने किया है काम…
करण भानूशाली ने गुजराती फिल्म ‘फख्त महिलाओं माटे’ की कहानी लिखी थी। वो बताते है कि इस फिल्म में महानायक अमिताभ बच्चन ने भी अभिनय किया था, जो करण के लिए गौरव की बात थी। अगले माह जनवरी में करण की लिखी गुजराती फिल्म ‘कच्छ एक्सप्रेस’ रिलीज हो रही है। यही नहीं अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए करण भानूशाली अब तक कई प्ले निर्देशित कर चुके है।
कसौटी जिन्दगी में अभिनय…
करण ने छोटे पर्दे पर लोकप्रिय धारावाहिक ‘कहां हम कहां तूम और कसौटी जिन्दगी की’ में अभिनय का लोहा मनवा चुके है। फिल्म अभिनेता कमल हसन को अपना चहेता अभिनेता मानने वाले करण भविष्य में लेखन के साथ ही निर्देशन में हुनर दिखाने की ख्वाहिश रखते हैं।
प्रतिभा के दम पर मिला काम…
करण भानूशाली बचपन से ही लगन के पक्के थे, अपने दृढ़ विश्वास और प्रतिभा के दम पर ही आगे बढ़ रहे हैं। करण का मानना है कि उनका काम ही उन्हें मंजिल तक ले जा रहा है। गौरतलब है कि करण ख्यातिनाम अभिनेता किशोर भानूशाली(जूनियर देवानंद) के पुत्र है, तो अभिनय उन्हें विरासत में मिला है, लेकिन फिल्मी जगत में वो अपनी प्रतिभा के दम पर ही पहचाने जाते हैं।
संघर्ष से मिलती है सफलता…
करण के अनुसार जीवन में संघर्ष, मेहनत और लगन हो तो निश्चित ही सफलता मिलती है। फिर चाहे क्षेत्र कोई सा क्यों ना हो? करण ने बताया कि इस मामले में वो अपने पिता के पद चिन्हों पर ही आगे बढ़ रहे हैं, जिन्होंने कठिन मेहनत, लंबे संघर्ष के बाद सफलता हासिल की है। करण ने बताया कि उनके पिता भी गायन और अभिनय दोनों ही विधाओं में पारंगत है, तभी तो आज अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।