भारत–यूके संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अजेय वॉरियर-25’ का राजस्थान के
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में में समापन



जयपुर, निडर इंडिया न्यूज।
राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में रविवार को भारत- यूके संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अजेय वारियर-25’ का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यहां पर 14 दिन चले इस प्रशिक्षण में दोनों देशों की सेनाओं ने शौर्य का प्रभावी प्रदर्शन किया।
इस दौरान रेतीले धोराें पर दोनों देशों की सेनाओं की युद्धक क्षमता, रणनीतिक समझ और सामरिक समन्वय को नए आयाम दिए। इस अभ्यास में कुल 240 सैनिकों ने भाग लिया, जिनमें भारत और यूके सेना के 120-120 सैनिकों का प्रतिनिधित्व रहा।


अभ्यास में भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट और यूके आर्मी की 4th लाइट ब्रिगेड, फर्स्ट डिविजन के तहत आने वाली द्वितीय बटालियन, रॉयल गोरखा राइफल्स (2 RGR) ने संयुक्त रूप से भागीदारी की। भारतीय दल का नेतृत्व कर्नल नीरज बेनीवाल ने किया, जबकि यूके सैन्य दल की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल साइमन डाइसन के हाथों में रही।


इस संयुक्त अभ्यास का मूल केंद्र शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों को उन्नत बनाना और संयुक्त ऑपरेशनों की दक्षता बढ़ाना रहा। दो सप्ताह में दोनों सेनाओं ने ब्रिगेड स्तर पर मिशन की संयुक्त योजना बनाना, सिमुलेशन आधारित सामरिक अभ्यासों से गुजरना और वास्तविक आतंकवाद-रोधी परिदृश्यों के आधार पर कंपनी स्तर की फील्ड ट्रेनिंग को अंजाम देना शामिल था।
इस दौरान सैनिकों ने हाइब्रिड युद्ध, मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस, रैपिड डिप्लॉयमेंट और इंटीग्रेटेड युद्धक रणनीतियों पर विस्तृत प्रशिक्षण प्राप्त किया। भारतीय सेना को अपने रेगिस्तानी कौशल और काउंटर-टेरर विशेषज्ञता प्रदर्शित करने का अवसर दिया, वहीं यूके सेना की लाइट इन्फैंट्री यूनिट्स ने तेज प्रतिक्रिया, गतिशीलता और कठिन परिस्थितियों में संचालन की अपनी पहचान को और मजबूत किया।
दोनों देशों की सेनाओं ने Combined Integrated Battle Teams (CIBT) के रूप में मिशन की हर प्रक्रिया को साझा किया, योजना, समन्वय, अभ्यास और अंतिम कार्रवाई तक। इससे इंटरऑपरेबिलिटी के नए मानक स्थापित हुए।
इस वर्ष का अभ्यास विशेष रूप से इसलिए भी उल्लेखनीय रहा क्योंकि इसमें आत्मनिर्भर भारत की सैन्य तकनीकों ने विशेष आकर्षण बटोरा। डीआरडीओ के म्यूल सिस्टम, रोबोटिक सपोर्ट प्लेटफॉर्म्स तथा Ashni Drone Platoon ने अभ्यास के दौरान अपनी उन्नत क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
यूके सेना के अधिकारियों ने भारतीय स्वदेशी तकनीकों की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि भविष्य के युद्ध संचालन में ये सिस्टम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेफ्टिनेंट कर्नल पीटर हुल्डन हार्ट (सीओ, 2 रॉयल गुरखा राइफल्स), लेफ्टिनेंट कर्नल साइमन डाइसन (मिलिट्री एडवाइज़र, ब्रिटिश हाई कमीशन) और सिख रेजिमेंट 21 के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल नीरज बेनीवाल के बीच स्मृति चिह्न का गौरवमय आदान-प्रदान किया गया।
समापन दिवस पर दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने अभ्यास की उपलब्धियों को रेखांकित किया। ब्रिगेडियर प्रयोग सुब्बा ने कहा कि अजेय वॉरियर–25 ने आतंकवाद-रोधी अभियानों और संयुक्त रणनीतियों के क्षेत्र में दोनों सेनाओं को नई शक्ति प्रदान की है।
भारतीय दल के कमांडर कर्नल नीरज बेनीवाल ने इसे सैनिकों के लिए सीख, अनुभव और सामरिक सहयोग का अनूठा अवसर बताया। यूके दल के प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल साइमन डाइसन ने कहा कि अक्टूबर में नौसेना के क्षेत्र में हुए भारत–ब्रिटेन संयुक्त अभ्यास की तरह यह आर्मी अभ्यास भी समान महत्व रखता है। दोनों देशों के जवानों ने कठिन परिस्थितियों में प्रशिक्षण प्राप्त कर एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है।
लेफ्टिनेंट कर्नल हॉल्टनहार्ट ने इस अभूतपूर्व साझेदारी को दोनों देशों की सैन्य कूटनीति में बड़ा कदम बताया। अंतिम दिन आयोजित संयुक्त प्रदर्शन में सैनिकों ने आतंकवाद-रोधी अभियानों की लाइव डेमोंस्ट्रेशन दी, जिसमें ड्रोन संचालन, शहरी युद्धक तकनीकें, रैपिड इंटरवेंशन और उन्नत हथियार प्रणालियों का उपयोग शामिल था। संयुक्त विदाई समारोह में दोनों देशों के सैनिकों ने मित्रता, सहयोग और सामरिक साझेदारी का मजबूत संदेश दिया।






