रमेश बिस्सा





ऋषिकेश, निडर इंडिया न्यूज।
पहाड़ों से चारों और घीरी वादियां में इन दिनों भक्ति रस की धारा अविरल बह रही है। अवसर है बीकानेर जिले की कोलायत तहसील के गुड़ा गांव के मूल निवासी और सूरत, अहमदाबाद और मुम्बई प्रवासी चांड़क परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का।
बुधवार को पांचवें दिन की कथा में बीकानेर के भागवताचार्य पंड़ित दुर्गादत्त व्यास कई प्रसंगों की संप्रसंग व्याख्या की। महाराज ने सुबह की पहली पारी में कृष्ण जन्म के बाद गोकुल की स्थित का चित्रण बेहद सरलीकरण के साथ किया। इस दौरान थोड़ी देर सत्संग के माध्यम से नंद बाबा और यशोदा मैया के घर और गांव में चले नंदोत्सव का बखान किया।


बाल लीलाओं से भावविभोर हुए श्रद्धालु
भागवत कथा में पंड़ित दुर्गादत्त व्यास ने कृष्ण की बाल लीलाओं की सप्रसंग व्याख्या की, तो आस्थावान श्रद्धालु भावविभोर हो गए। महाराज ने कान्हा की बाल लीलाओं में माता यशोदा से अठखेलिया करना, गोपियों को सताना, अपने सखा मित्रों के साथ माखन चोरी की लीला, गो पालन, असूरों का वध सहित प्रसंगों को सुनाया तो श्रद्धालु भी मंत्रमुग्द हो गए।
रासलीला की कथा में झूम उठे
भागवत कथा के दौरान पंड़ित दुर्गादत्त व्यास ने कहा कि भगवान तो सर्वव्यापी है। वो अजन्मा और अमना है। फिर भी उन्होंने गोपियों के साथ रासलीला का मनोरथ किया। यह छह माह तक चली। इस महारास का लुत्फ उठाने के लिए देवता भी पहुंचे। महाराज ने रास लीला की महत्ता और उसके प्रकार की व्याख्या की। इस दौरान राधा-कृष्ण की सजीव झांकी निकाली गई। इसमें हर्षिता चांड़क और वान्या चांड़क ने राधा कृष्ण का स्वरूप धरा। भजन गायक बिदा महाराज एंड पार्टी ने गरबा धुनों पर आधारित भजन सुनाए, तो सभी श्रद्धालु झूम उठे। यजमानों को पंड़ित अमरचंद पुरोहित ने पूजन कराया। कथा में कल रुखमणि विवाह का प्रसंग होगा।


 
	
	
	
	 
				 
													




