कला जगत : मिट्टी तवे पर उकेरी अनूठी कलाकृतियां, रंग भरकर किया मानसून का आह्वान - Nidar India

कला जगत : मिट्टी तवे पर उकेरी अनूठी कलाकृतियां, रंग भरकर किया मानसून का आह्वान

  ‘रंग मल्हार’ का 16वां संस्करण,  युवा चित्रकारों दिखाई प्रतिभा, ख्यातनाम कलाकार भी हुए शामिल

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज। 

मानसून की कामना और दृश्य कला की अभिव्यक्ति का संगम रविवार को जिला उद्योग संघ के परिसर में देखने को मिला। अवसर था ‘रंग मल्हार’ के 16वें संस्करण के आयाेजन का। अंतरराष्ट्रीय कला उत्सव धोरा इंटरनेशनल आर्टिस्ट समिति, भोज कला प्रन्यास, रोटरी क्लब बीकानेर रॉयल्स, रोटरी क्लब बीकानेर अपराज और बीकानेर जिला उद्योग संघ के संयुक्त तत्वावधान हुए रंगों के संगम में नगर के ख्यातिनाम चित्रकारों के साथ ही युवा प्रतिभाओं ने भी अपनी कला प्रदर्शन किया। रंग मल्हार की थीम इस बार मानसून रखी गई थी। इसके आधार पर चित्रकारों ने मिट्‌टी तवे पर कूची से रंग भरे, इन कलाकृतियों के माध्यम से मानसून का आह्वान किया गया।

रोटरी क्लब बीकानेर रॉयल्स के अध्यक्ष सुनील चामड़िया ने बताया कि प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय चित्रकार डॉ. विद्यासागर उपाध्याय की संकल्पना पर आधारित इस आयोजन की थीम इस वर्ष ‘क्ले तवा’ रखी गई, जिसमें देशभर से आए 100 से अधिक कलाकारों ने मिट्टी के तवे को कैनवास बनाकर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। यह  एक दिवसीय ओपन वर्कशॉप थी, जिसमें बीकानेर सहित अन्य राज्यों से कलाकारों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में बतौर अतिथि संभागीय आयुक्त श्विश्राम मीणा, सीएम मूंधड़ा मेमोरियल ट्रस्ट, मुंबई के ट्रस्टी श्रीकिशन मूंधड़ा, रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट के आगामी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (डीजीई) बृजमोहन अग्रवाल, बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त चित्रकार महावीर स्वामी और भोज कला प्रन्यास अध्यक्ष मनोज सोलंकी मौजूद रहे।

कृतियों में बीकानेर के ऐतिहासिक स्थलों जैसे जूनागढ़ किला, सागर की छतरियाँ, नृत्य करते ऊँट, राजस्थानी लोक नृत्य, मांडना चित्रकारी, विलुप्तप्राय गोडावन प्रजाति, उस्ता शैली, सुनहरी कलम, मथेरन शैली, बादलों का चित्रण, यथार्थवादी पोर्ट्रेट और लैंडस्केप आदि के माध्यम से वर्षा के स्वागत का सुंदर एवं सृजनात्मक संदेश प्रस्तुत किया गया।

आयोजन संयोजक और वरिष्ठ चित्रकार सुनील दत्त रंगा ने बताया कि रंग मल्हार की शुरुआत वर्ष 2009 में जयपुर से हुई थी और अब यह भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो चुका है। विगत वर्षों में मास्क, पंखी, झंडे, टी-शर्ट, बैग, छाता, साइकिल, लालटेन और केतली जैसे माध्यमों पर कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। इस बार पहली बार मिट्टी के तवे को कैनवास बनाकर कलाकारों ने अपनी भावनाओं को आकार दिया।

रोटरी क्लब बीकानेर अपराज की अध्यक्ष रुचि दफ्तरी ने बताया कि कार्यक्रम में वरिष्ठ चित्रकार महावीर स्वामी, सतीश हतीला, डॉ. मोना सरदार डूडी, धर्मा स्वामी, योगेन्द्र पुरोहित, मूलचंद महात्मा, चंद्रप्रकाश महात्मा, अनुराग स्वामी, ज्योति स्वामी, मनस्वी शर्मा, यश कुमार, अरमान कादरी, शिवकुमार आचार्य, राम भादाणी, दामोदर तंवर सहित कुल 125 कलाकारों ने भाग लिया।

रोटरी क्लब बीकानेर रॉयल्स की ओर से सह प्रांतीयपाल पंकज पारीक, डॉ. मनोज कुड़ी, सचिव विपिन लड्डा, कोषाध्यक्ष जगदीप ओबेरॉय, संयोजक भुवनेश स्वामी, डॉ. संदीप खरे, डॉ. पुनीत खत्री, नितिन रंगा, दीपक व्यास तथा रोटरी अपराज की ओर से शिवाली कोठारी, पारुल अग्रवाल, नेहा ओझा, कोमल पोपली और धोरा ग्रुप की ओर से सौरभ शर्मा, शिव आचार्य सहित कई युवा कलाकारों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागी कलाकारों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। अतिथियों ने सभी कलाकृतियों का अवलोकन किया और कलाकारों के प्रयासों की  सराहना की।

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