बीकानेरNidarIndia.com मां राजराजेश्वरी बाला त्रिपुर सुंदरी के भक्त ज्योतिषाचार्य कर्मकांडी, विद्वान पंडि़त गिरधर लाल रंगा की देह बुधवार को पंचतत्व में विलिन हो गई।
रंगा बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे, उन्होंने जयपुर के अस्पताल में उपचार के दौरान दम दौड़ दिया। पंडि़त रंगा के निधन से कर्मकांडी, ज्योतिष और आध्यात्म से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। बीकानेर ही नहीं, कोलकता सहित महानगरों में रंगा के चाहने वालों ने संवदेना जताई है।
सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त रंगा जीवन प्रयंत आध्यात्म से जुड़े रहे। ज्योतिष सहित आध्यात्म की हर विद्या साधना की संपूर्ण जानकारी रखते थे। रंगा के निधन पर संवेदना जताते हुए मां राजराजेश्वरी बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर के संस्थापक और संचालक पंडि़त ग्वालदास व्यास(खुंड़ा महाराज) ने इस क्षेत्र की अपूरणीय क्षति बताया। व्यास ने कहा कि पंडि़त गिरधर रंगा हर समय कुछ सीखने की जिझासा बनाए रखते थे, गुणवान पंडि़त थे, फिर भी वरिष्ठजनों से कुछ न कुछ जानने के इच्छुक रहते थे। मां भगवती उनको अपने चरणों में स्थान दे।
पंडि़तों ने जताया शोक…
गिरधर लाल रंगा के आकस्मिक निधन पर पंडि़तों, ज्योतिष जगत, आस्थावान आध्यामिक लोगों ने शोक जताया है। भागवताचार्य पंडि़त दुर्गादत्त व्यास, त्रिपुरा सुंदरी बाला मंदिर के पुजारी रामकुमार व्यास(गफला महाराज), पंडि़त मुरली मनोहर व्यास, घनश्याम आचार्य, आनंद ओझा, पंडि़त गंगाधर व्यास, अशोक बिस्सा(सन्ना महाराज) श्रीबल्लभ व्यास(पोला महाराज), अशोक ओझा, ओम व्यास, फलौदी से पंडि़त योगेश व्यास, कोलकाता से त्रिविक्रम व्यास, एनडी व्यास, जेठमल रंगा आदि ने शोक जताया है।