रेलवे : बदल रही है स्टेशनों की तस्वीर, राजस्थान के आठ स्टेशनों का हुआ कायपलट - Nidar India

रेलवे : बदल रही है स्टेशनों की तस्वीर, राजस्थान के आठ स्टेशनों का हुआ कायपलट

-अमृत स्टेशनों में झलकता राजस्थान का गौरव

बीकानेर, जयपुर.निडर इंडिया न्यूज।

अमृत भारत स्टेशन योजना रेलवे के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। इसके तहत रेलवे स्टेशनों की पूरी तस्वीर बदल रही है। भारत के स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार ने इस योजना में देश के ऐसे 1300 स्टेशनों को शामिल किया है। इनमे से 103 स्टेशन पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुके हैं। राजस्थान के आठ स्टेशन में शामिल है, जो पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे बीकानेर के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक भूपेश यादव के अनुसार राजस्थान राज्य के आठ स्टेशन- बूंदी, माण्डल-गढ़, देशनोक, गोगामेड़ी, गोविंदगढ़, मण्डावर-महुवा रोड, फतेहपुर शेखावाटी और राजगढ़ शामिल हैं। इनको 75 करोड़ से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। स्टेशनों में सौंदर्य, सुविधा और संस्कृति तीनों का समन्वय है। इन स्टेशनों पर भव्य प्रवेश द्वार, आकर्षक फसाड, हाई मास्ट लाइटिंग, आधुनिक प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर, मॉर्डन टॉयलेट और दिव्यांगजन के लिए सुगम रैंप जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं। प्लेटफॉर्म पर शेल्टर,कोच इंडिकेशन सिस्टम और सूचना के लिए डिजिटल डिस्प्ले लगाए गए हैं। सभी सुविधाओं को दिव्यांगजन अनुकूल बनाया गया है। वहीं, हर स्टेशन पर राजस्थान की लोक कला, संस्कृति और परंपराओं की झलक भी देखने को मिल रही है।

देशनाेक स्टेशन की हुई कायापलट।

देशनोक स्टेशन के वास्तु में करणी माता मंदिर की झलक मिल रही है। इस स्टेशन पर श्रद्धालुओं के लिए नया स्टेशन भवन, मॉर्डन टायलेट, पार्किंग, पोर्च, कोच पोजीशन डिस्प्ले बोर्ड, जल बूथ, साइन बोर्ड, प्लेटफॉर्म शेल्टर्स आदि शामिल हैं। प्रवेश एवं निकास को सुव्यवस्थित बनाते हुए अलग-अलग गेट की व्यवस्था की गई है। वहीं, बूंदी जो अपनी चित्रकला और किलों के लिए प्रसिद्ध है, अब एक सुंदर, व्यवस्थित और यात्री अनुकूल स्टेशन में तब्दील हो गया है। फतेहपुर शेखावाटी के स्टेशन परिसर में अब वहां की शेखावाटी शैली की चित्रकारी और स्थापत्य कला की झलक दिखाई दे रही है। गोगामेड़ी, गोविंदगढ़, मण्डावर-महुवा रोड और माण्डल-गढ़ जैसे स्टेशन अब सिर्फ ट्रांजिट पॉइंट नहीं बल्कि स्थानीय जीवन से जुड़े हुए सुविधाजनक केन्द्र बन गए हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत राजस्थान अब उस दिशा में बढ़ रहा है, जिसका हर स्टेशन परंपरा, सुविधा और विकास की गाथा कह रहा है।

देश की जीवन रेखा है…

भारतीय रेल को देश की जीवन रेखा कहा जाता है। रेल परिचालन में रेलवे स्टेशनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और यह रेलवे स्टेशन शहर की पहचान भी होते हैं। अधिकांश रेलवे स्टेशन हार्ट ऑफ़ द सिटी होते हैं, जिनके आसपास शहर की सभी आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां केंद्रित होती हैं। इसलिए रेलवे स्टेशनों का इस ढंग से विकास किया जाना आवश्यक है कि रेलवे स्टेशन न सिर्फ रेलगाड़ियों के ठहराव के स्थान बनें, बल्कि शहर की पहचान भी बनें। सुंदर और भव्य स्टेशनों को जब शहर की सांस्कृतिक,आध्यात्मिक और धार्मिक विरासत के आधार पर विकसित किया जाता है, तो ट्रेन से पहुंचने वाला देसी और विदेशी पर्यटक शहर के साथ अपने प्रथम परिचय को यादगार बना लेता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक साख बढ़ी है। देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अपने अमृत काल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा है, नई प्रेरणा है, नए संकल्प हैं।’  आज देश के 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प का काम चल रहा है, दो साल से भी कम की अवधि में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित 103 रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन होने वाला है। रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की यह गति अद्वितीय है। कई कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि जिन परियोजनाओं का वह शिलान्यास करते हैं उनका उद्घाटन भी वही करते हैं।

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