पर्यटन सीजन : देशी विदेशी पावणों की रौनक, रास आ रही धोरों की धरती - Nidar India

पर्यटन सीजन : देशी विदेशी पावणों की रौनक, रास आ रही धोरों की धरती

रमेश बिस्सा

बीकानेर, निडर इंडिया न्यूज।

पर्यटन के लिहाज से इन दिनों मरुभूमि पर देशी के साथ ही विदेश पावणों की भी खास रौनक है। यह सिलसिला यूं तो मार्च तक चलेगा। लेकिन जनवरी के बाद फरवरी में भी बीकानेर में पर्यटकों की आवक बढ़ती है। यहां की स्थापत्य कला, पुरानी हवेलियों का सौन्दर्य, किले-महल, दूर तक फैले सुनहरे धोरें। सहसा हर किसी को अपनी और खींच लाते हैं। यही वजह है कि आज विदेशी पर्यटकों के साथ ही देशी पर्यटकों की भी भरमार रहती है। हलांकि एक अनुमान के अनुसार कोरोना के बाद से विदेशी पावणों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। साथ ही इन दिनों कुछ एक देशों में ग्रह युद्ध सरीखे हालातों का भी असर दिखता है। इसके बावजूद बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, पुष्कर जैसलमेर सरीखे स्थल पर्यटकों को लुभाते है।

अभी दो माह रहेगी सीजन

पर्यटन से जुड़े विनोद भोजक बताते है कि सीजन में भीड़ रहती है। लेकिन इसी सीजन में बीकानेर में शादी-समारोह की धूम रहती है। इसमें बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय, महानगरों में प्रवास कर रहे लोग भी आते हैं, बड़ी संख्या में विवाह समारोह होने के कारण होटलें भी बुक है। ऐसे में विदेशी पर्यटकों की संख्या कम होती रहती है। साथ ही कोरोना और अन्य देशों के हालातों का भी असर दिखता है। कोरोना के बाद पर्यटन व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। फिर भी देशी पर्यटकों की तो धूम सीजन में रहती ही है। वे राजस्थान की परम्परा, जीवन शैली, संस्कृति, अतिथि सत्कार से अभिभूत है। बतौर विनोद भोजक पर्यटन सीजन अभी मार्च तक चलेगा।

अपनी मिट्‌टी की सौंधी खुशबू खींच लाती है

अपनी पत्नी के साथ बीकानेर भ्रमण के लिए कोलकाता प्रवासी व्यापारी विष्णकांत राठी ने आज दुरुंतो ट्रेन में वापस कोलकाता रवाना होने से पहले, निडर इंडिया से संक्षिप्त बातचीत में बताया कि वो एक साल में बमुश्किल करीब एक-दो बार ही अपने गांव आ पाते हैं। यहां की मिट्‌टी की सौंधी खुशबू बार-बार अपनी और खींचती है। भले ही व्यापार के सिलसिले में हम कोलकाता में प्रवास करते है, लेकिन दिल में हर समय बीकानेर ही बसता है।

अपने पति के साथ बीकानेर में भ्रमण के लिए आई किरण राठी ने बताया वो बीते दिनों बीकानेर आए थे, यहां से सीधा अपने गांव जैमलसर गए, जहां रहने के बाद यहां कोड़मदेसर, रामदेवरा, पूनरासर, देशनोक की करणी माता का दर्शन कर उनके दरबार में माथा टेका और मंगल कामना की। किरण राठी बताती है कि बेशक आज वो कोलकाता के लिए वापस रवाना हो रहे हैं, लेकिन वहां जाने पर भी यहां की यादे मन में समाई रहती है। गौरतलब है कि इन दिनों शादी-ब्याह का सीजन भी चल रहा है, ऐसे में कोलकाता, दिल्ल्, मुम्बई, चैन्नई सहित महानगरों में प्रवास कर रहे बीकानेर के लोग अपने शहर, गांव में आए हुए है।

 

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